किसान ऐसे बढ़ा सकते हैं आय गुलाब की खेती से किसान गुलाब का उत्पादन कर फूलों के देश के विभिन्न राज्यों में डिमांड अनुसार भेज सकते हैं। आय का यह मुख्य जरिया है। इसके साथ किसान परिवार गुलकंद, गुलाबजल, इत्र एवं सेन्ट की औद्योगिक इकाई स्थापित कर भी आय अर्जित कर सकते हैं।
पुष्कर (Pushkar)की मॉडल खेती अपनाएं गुलाब की खेती के लिए पुष्कर की रेतीली मिट्टी, मिट्टी के उपलब्ध तत्व, मौसम की अनुकूलता एवं पानी की पर्याप्त उपलब्धता होने से यहां गुलाब की खेती मॉडल के रूप में है। प्रदेशभर के किसानों को उद्यानिकी विभाग की ओर से गुलाब की खेती के लिए प्रशिक्षण पुष्कर में देने से किसानों को फायदा मिलेगा। किसान मोहनलाल चौहान (82 वर्षीय) के अनुसार पुष्कर में एक बार गुलाब की पौध रोपेने के बाद करीब 20 से 22 साल तक फूलों का उत्पादन होता है।
पुष्कर में 25 हजार किग्रा गुलाब के फूलों का प्रतिदिन उत्पादन, 5000 व्यक्तियों को मिल रहा रोजगार,50 औद्योगिक इकाइयां स्थापित है,10 क्विंटल गुलकंद का प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है।
इन राज्यों में भी पुष्कर के गुलाब व उत्पाद की डिमांड महाराष्ट, तमिलनाड़ू, पश्चिमी बंगाल, बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में पुष्कर के गुलाब के फूल, गुलकंद, गुलाबजल आदि की डिमांड रहती है।
खेती के साथ किसान करें इकाइयां स्थापित
-गुलाब के फूलों का सूखाकर सप्लाई।
-गुलाब के फूलों से गुलकंद निर्माण की इकाई की स्थापना।
-गुलाब के फूलों से गुलाबजल निर्माण की इकाई स्थापना।
-गुलाब से इत्र व सेन्ट बनाने की इकाई स्थापित की जा सकती है।