कैसे हुआ संभव
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से बच्चों को बेबी मिक्स प्रोटीनयुक्त आहार दिया गया। इसमें गेहूं, चना, चीनी व तेल शामिल था। इसमें ९३० ग्राम वजन गर्भवती व धात्री तथा ७५० ग्राम वजन छह माह से तीन वर्ष तक बच्चों को दिया गया। वहीं तीन वर्ष से छह वर्ष तक बच्चों को दलिया व खिचड़ी दी गई। फरवरी २०२० से छह दिवस के अलग-अलग पोषाहार भी दिया गया। इसके अलावा जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर नीति आयोग से मिली राशि से न्यूट्रीशियन गार्डन बनाए गए। इससे ताजी सब्जी व अन्य फल आदि भी उपलब्ध कराए गए। इससे गार्डन में खेलने से भी बच्चों में ऊर्जा का संचार हुआ।
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से बच्चों को बेबी मिक्स प्रोटीनयुक्त आहार दिया गया। इसमें गेहूं, चना, चीनी व तेल शामिल था। इसमें ९३० ग्राम वजन गर्भवती व धात्री तथा ७५० ग्राम वजन छह माह से तीन वर्ष तक बच्चों को दिया गया। वहीं तीन वर्ष से छह वर्ष तक बच्चों को दलिया व खिचड़ी दी गई। फरवरी २०२० से छह दिवस के अलग-अलग पोषाहार भी दिया गया। इसके अलावा जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर नीति आयोग से मिली राशि से न्यूट्रीशियन गार्डन बनाए गए। इससे ताजी सब्जी व अन्य फल आदि भी उपलब्ध कराए गए। इससे गार्डन में खेलने से भी बच्चों में ऊर्जा का संचार हुआ।
जिले में एक आंगनबाड़ी पर औसतन पंजीयन
– ४० बच्चे – ० से ३ वर्ष – १५ बच्चे – ३ से ६ वर्ष –
१० – गर्भवती १० – धात्री
जिले में लाभार्थी ब्लॉक – लाभार्थी धौलपुर- १८९९७
– ४० बच्चे – ० से ३ वर्ष – १५ बच्चे – ३ से ६ वर्ष –
१० – गर्भवती १० – धात्री
जिले में लाभार्थी ब्लॉक – लाभार्थी धौलपुर- १८९९७
सैपऊ- १४६९४ बाड़ी- १८५७० बसेड़ी- २८२१८ राजाखेड़ा- १३९४२ कुल – ९४४२१
जिले में वर्गवार आंकड़ा जिले में कुल लाभार्थियों की संख्या ९४४२१ है। इनमें से छह माह से ३ वर्ष तक के बच्चे ४५ हजार ११६ पंजीकृत है। इसी प्रकार ३ से ६ वर्ष तक के बच्चे २५ हजार ४३९ है। इसी प्रकार गर्भवती महिलाएं १२ हजार १६१ व धात्री ११६१२ है। इसके अलावा ९४ किशोरी बालिका भी शामिल हैं। शाला पूर्व शिक्षा के तहत जिले में किलकारी के तहत १३ हजार ८९३, उमंग में १३ हजार ८५० तथा तरंग में ४४२२ बच्चे पंजीकृत हैं।
इनका कहना है
जिले में वर्गवार आंकड़ा जिले में कुल लाभार्थियों की संख्या ९४४२१ है। इनमें से छह माह से ३ वर्ष तक के बच्चे ४५ हजार ११६ पंजीकृत है। इसी प्रकार ३ से ६ वर्ष तक के बच्चे २५ हजार ४३९ है। इसी प्रकार गर्भवती महिलाएं १२ हजार १६१ व धात्री ११६१२ है। इसके अलावा ९४ किशोरी बालिका भी शामिल हैं। शाला पूर्व शिक्षा के तहत जिले में किलकारी के तहत १३ हजार ८९३, उमंग में १३ हजार ८५० तथा तरंग में ४४२२ बच्चे पंजीकृत हैं।
इनका कहना है
बीस सूत्रीय कार्यक्रम के तहत जिले का राज्य में तीसरा स्थान है। ऐसे में यह भी एक घटक है। वहीं अन्य घटकों को शामिल कर यह स्थान प्राप्त किया है। राकेश कुमार जायसवाल, जिला कलक्टर, धौलपुर।
इनका कहना है
जिले में कोरोना काल में भी घर-घर प्रोटीनयुक्त पोषाहार पहुंचाया गया। साथ ही न्यूट्री गार्डन का भी बड़ा उपयोग साबित हुआ है। इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। भूपेश गर्ग, कार्यवाहक उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, धौलपुर।
जिले में कोरोना काल में भी घर-घर प्रोटीनयुक्त पोषाहार पहुंचाया गया। साथ ही न्यूट्री गार्डन का भी बड़ा उपयोग साबित हुआ है। इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। भूपेश गर्ग, कार्यवाहक उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, धौलपुर।