सभी ने पत्रिका के अमृतम् जलम्, हरयाळाो राजस्थान जैसे सामाजिक सरोकार, जब तक काला-तब तक ताला और चेंजमेकर जैसी मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि पत्रिका लोकतंत्र को बचाने के लिए जब जब भी आह्वान करेगा, वे सब साथ खड़े होंगे। इस दौरान डॉ. कोठारी ने कहा कि पाठकों का स्नेह और विश्वास ही पत्रिका की सबसे बड़ी ताकत है। पाठकों के बलबूते ही सामाजिक और राजनीतिक बदलाव संभव है। पत्रिका की सफलता का श्रेय भी पाठकों को ही जाता है।
कोठारी से चर्चा करते हुए पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती ने पत्रिका की ‘जब तक काला-तब तक ताला मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि इस मुहिम के बाद आमजन जागृत हुआ एवं सरकार के भी होश ठिकाने आए। कांग्रेस शहर अध्यक्ष विजय जैन ने कहा कि राजनीतिक परिवेश में बदलाव के लिए शुरू किए गए चेंजमेकर अभियान से युवाओं में राजनीति के प्रति जागरुकता एवं आकर्षण पैदा हुआ है। भाजपा शहर अध्यक्ष अरविंद यादव ने कहा कि पत्रिका की ओर से अजमेर शहर में पक्षियों के संरक्षण के लिए शुरू किए बर्ड फेयर से अजमेर को पर्यटन के मानचित्र पर पहुंचाया है। डॉ. कोठारी ने शहर के सांप्रदायिक सद्भाव और समरसता की सराहना करते हुए कहा कि शहर के विकास के लिए सभी का एकजुट होना और मिलजुल कर रहना बहुत जरूरी है। कोठारी ने आनासागर झील के संरक्षण को लेकर भी चर्चा की।
इन्होंने भी किया स्वागत अजमेर पहुंचने पर होटल मानसिंह में कांग्रेस नेता विपिन बैसिल, सुकेश कांकरिया, मुजफ्फर भारती, अशोक जैन, मुनव्वर खान, सुमित मित्तल, विवेक पाराशर, कमल गंगवाल, विजय पांडे, भाजपा मीडिया सेल के रचित कच्छावा, शिक्षक संघ सियाराम के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष बृजेन्द्र शर्मा, पत्रिका के एजेंट प्रशांत भार्गव ने डॉ. कोठारी का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
लॉयनेस क्लब उमंग की प्रांतीय अध्यक्ष आभा गांधी, प्रमिला राठौड़, नैना सिंह, सुनीता शर्मा, जागृति केवलरामानी, डॉ. वीना चौधरी, सीमा शर्मा, राजेन्द्र गांधी ने पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। अखिल भारतीय श्री टाक समाज अजमेर क्षेत्र के अध्यक्ष प्रकाश टाक, मंत्री महावीर प्रसाद टाक, धर्मसिंह, निजी स्कूल संघ के कैलाश कश्यप आदि ने भी माल्यार्पण कर स्वागत किया। ख्वाजा साहब की दरगाह के खादिमों की संस्था अंजुमन यादगार चिश्तिया शेखजादगान के अध्यक्ष एस. जर्रार चिश्ती एवं गरीब नवाज सूफी मिशन सोसायटी के अध्यक्ष जुल्फिकार चिश्ती ने उनकी दस्तारबंदी कर दुआ की।
मार्ग में भी हुआ स्वागत
कोटा से अजमेर आते समय डॉ. कोठारी का सावर, सरवाड़ और केकड़ी में भी भावभीना स्वागत किया गया। कोठारी ने सरवाड़ की अपनी भूली-बिसरी यादों को ताजा करते हुए बताया कि वे यहां की कृषि पैदावार, गोटा उद्योग, खान-पान और रहन सहन की संस्कृति से वे पूरी तरह वाकिफ हैं। सावर में देवली तिराहे पर प्रबुद्धजन ने डॉ. कोठारी का स्वगात किया। ग्रामीणों ने साफा व माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया। केकड़ी में डॉ. कोठारी का विभिन्न सामाजिक, शैक्षिक एवं धार्मिक संगठनों की ओर से माल्यार्पण, शॉल ओढ़ा व स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मान किया गया।
कोटा से अजमेर आते समय डॉ. कोठारी का सावर, सरवाड़ और केकड़ी में भी भावभीना स्वागत किया गया। कोठारी ने सरवाड़ की अपनी भूली-बिसरी यादों को ताजा करते हुए बताया कि वे यहां की कृषि पैदावार, गोटा उद्योग, खान-पान और रहन सहन की संस्कृति से वे पूरी तरह वाकिफ हैं। सावर में देवली तिराहे पर प्रबुद्धजन ने डॉ. कोठारी का स्वगात किया। ग्रामीणों ने साफा व माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया। केकड़ी में डॉ. कोठारी का विभिन्न सामाजिक, शैक्षिक एवं धार्मिक संगठनों की ओर से माल्यार्पण, शॉल ओढ़ा व स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मान किया गया।