आरएएस 2018 का विज्ञापन तत्कालीन अध्यक्ष डॉ.राधेश्याम गर्ग के कार्यकाल में जारी हुआ था। डॉ. गर्ग मूलत: एमबीबीएस डिग्रीधारक थे। उनके बाद दीपक उप्रेती 23 जुलाई 2018 से 14 अक्टूबर 2020 तक अध्यक्ष रहे। इनके कार्यकाल में प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा हुई। 14 अक्टूबर 2020 को अध्यक्ष बने डॉ. भूपेंद्र यादव ने साक्षात्कार कराए। पूर्व डीजीपी रहे डॉ. यादव भी मूलत: एमबीबीएस डिग्रीधारक हैं।
सरकार को मुख्य परीक्षा में आरक्षित अभ्यर्थियों को बुलाने के नियम में संशोधन करना पड़ा था। इसमें कहा गया कि रिक्तियों की कुल अनुमानित संख्या के 15 गुना अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बुलाने, मुख्य परीक्षा में प्रवेश के लिए अर्हित घोषित किए जाने वाले अभ्यर्थियों द्वारा प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंकों की उनका अंतिम योग्यता क्रम निर्धारित करने के लिए संगणना नहीं की जाएगी। व्यक्तित्व और मौखिक परीक्षा में उपस्थित होने के लिए प्रत्येक पेपर में न्यूनतम 10 प्रतिशत अंक और समस्त प्रश्न पत्रों के कुल अंकों में से कुल 15 प्रतिशत अंक प्राप्त करने जरूरी होंगे।
प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न संख्या 11 और 22 को लेकर 2018 में याचिका लगाई गई। आयोग ने हाईकोर्ट खंडपीठमें याचिका लगाई। इसके बाद 25 और 26 जून 2019 को आरएएस मुख्य परीक्षा हुई। इस दौरान सुरज्ञान सिंह और अन्य ने प्रारंभिक परीक्षा की कट ऑफ को चुनौती दी। 9 जुलाई 2020 को मुख्य परीक्षा का नतीजा जारी हुआ। मुख्य परीक्षा में दो गुणा अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने से जुड़ी कविता गोदारा की याचिका का 2 मार्च 2021 को हाईकोर्ट खंडपीठ ने निस्तारण किया। इसके बाद 22 मार्च से साक्षात्कार शुरू कराए गए।
आयोग ने पांच अभ्यर्थियों के परिणाम हाईकोर्ट के अध्यधीन रखे हैं। इनमें रोल नंबर 80624, 816812, 817377, 818743 शामिल है। एक डीसी कैटेगरी को लेकर एक रिट याचिका के विचाराधीन रहते एक अभ्यर्थी का परिणाम भी हाईकोर्ट के अध्यधीन रहेगा।
आयोग ने 11 अप्रेल 2018 को आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा का विज्ञापन जारी किया था। इसके बाद प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा, दो साल में कोरोना संक्रमण और कई बाधाओं के बाद साक्षात्कार हुए। इस पूरी प्रक्रिया में 1089 दिन यानि तीन वर्ष से अधिक का समय लगा।