इधर तालाब के नजारे देखने के लिए खरवा समेत आस-पास के कई गांवों के लोग तालाब पर पहुंचते रहे। बुजुर्गों ने बताया कि शक्ति सागर तालाब में 1975 में इतना पानी आया था, तब इसकी चादर चली थी। इस बार भी इसकी चादर चल सकती है। 16 फीट पानी भराव क्षमता वाले इस तालाब में करीब 13 फीट पानी पहुंच चुका है और आवक जारी है। खरवा पुलिस चौकी के कांस्टेबल महेंद्र मीणा ने भी तालाब की पाल पर गश्त शुरू कर दी, जिससे कोई हादसा ना हो।
सुबह से प्रशासन रहा अलर्ट
तालाब में पर्याप्त मात्रा में पानी पहुंचने पर प्रशासन सुबह से ही पाल पर पहुंच गया। ग्राम पंचायत ने खोकरी मोरी, चादर, तालाब की पाल व पानी निकासी में सीमेंट, बजरी के कट्टे व पानी के रास्ते में पाइप आदि लगवाकर व्यवस्था को संभाला। सरपंच दिनेशपाल पदावत, वीडीओ लीलाराम मीणा व मुकेश जैन, संपत सिंह गेंदावत, महेंद्र नोगिया, बुधराज सांखला आदि ने व्यवस्था में सहयोग किया।
बुजुर्ग खरवा को तालाब वाला गांव कहते हैं। तालाब में हमने तो कभी पानी देखा ही नहीं और तालाब वाला गांव किस वजह से कहते हैं आज इसमें पानी देख कर अंदाजा हुआ कि इसे तालाब वाला गांव क्यों कहते हैं।
बलवीर सिंह, रूदलाई
बचपन से देख रहा हूं कि तालाब में बारिश के दिनों में एक दो फीट पानी आता है। इसके बाद कभी इतना पानी नहीं देखा। तालाब में आज इतना पानी देख कर लगा कि ऐसा नजारा हमेशा रहे तो अच्छा लगेगा।
रवि कुमार, खरवा
शक्ति सागर तालाब की प्रसिद्धि को सुना था। मगर आज तक इतना पानी नहीं देखा। आज तालाब में इतना पानी देखकर मन प्रफुल्लित हुआ। इतना पानी हमेशा आता रहे तो क्षेत्र में अकाल की स्थिति नहीं बनती। आज तालाब को दखने आस—पास के गांवों के लोग भी आ रहे हैं।
नरेंद्र सिंह रावत, देवपुरा
तालाब में पानी आने से क्षेत्र के जलस्रोतों में पानी का स्तर बढ़ेगा। इससे आमजन को लाभ मिलेगा। करीब 40 साल बाद तालाब में इतना पानी देख पाया।
जितेंद्र दाधीच, सामाजिक कार्यकर्ता, खरवा बांध? आई गुड न्यूज