अजमेर

ASP Divya Mittal: फरियादी बोला… 25 लाख लाने में खतरा, दलाल ने कहा… बिना टेंशन आ जाओ यहां

ASP Divya Mittal Corruption Case: एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल को परिवादी से रिश्वत मांगने की रिकॉर्डिंग ने ही एसीबी के रडार तक पहुंचाया। उसे यह एहसास तक नहीं था कि वह जिस शख्स से रिश्वत की बातें कर रही है उसे एसीबी ने वॉइस रिकॉर्डर देकर भेजा है।

अजमेरJan 18, 2023 / 04:25 pm

Kamlesh Sharma

ASP Divya Mittal Corruption Case: एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल को परिवादी से रिश्वत मांगने की रिकॉर्डिंग ने ही एसीबी के रडार तक पहुंचाया। उसे यह एहसास तक नहीं था कि वह जिस शख्स से रिश्वत की बातें कर रही है उसे एसीबी ने वॉइस रिकॉर्डर देकर भेजा है।

ASP Divya Mittal Corruption Case: अजमेर। एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल को परिवादी से रिश्वत मांगने की रिकॉर्डिंग ने ही एसीबी के रडार तक पहुंचाया। उसे यह एहसास तक नहीं था कि वह जिस शख्स से रिश्वत की बातें कर रही है उसे एसीबी ने वॉइस रिकॉर्डर देकर भेजा है। ऐसा तब हुआ जब एसीबी का अजमेर में ट्रेप फेल हो चुका था।

7 जनवरी को आया कॉल
एसीबी में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार जनवरी के शुरुआत में परिवादी विकास ने एसीबी को एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल और दलाल सुमित द्वारा रिश्वत मांगने का परिवाद दिया। एसीबी ने सत्यापन के लिए उसे वॉइस रिकॉर्डर दिया। 7 जनवरी को दलाल सुमित ने विकास को कॉल कर 1 करोड़ रुपए मांगे। विकास ने साफ इंकार कर दिया। बाद में डील 50 लाख में तय हुई।

कहां हो… अभी निकलोगे क्या?
10 जनवरी को विकास 25 लाख रुपए लेकर एसीबी जयपुर मुख्यालय पहुंचा। 11 जनवरी को विकास अपने साथियों और एसीबी टीम अपनी-अपनी कारों से अजमेर में जयपुर रोड स्थित होटल केसी इन होटल में पहुंचे। वहां रात 10 बजे विकास को सुमित ने वॉट्सऐप कॉल कर बोला.. कहां हो? अभी निकलोगे क्या?..। सुमित ने उसे जयपुर बाइपास पर आने को कहा। विकास ने उत्तराखंड नंबर की कार से 25 लाख रुपए लाने में खतरा बताया। तब सुमित ने कहा… बिना टेंशन आ जाओ….कुछ नहीं होगा….। (एसीबी के पास मौजूद कॉल रिकॉर्डिंग के अनुसार )

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विकास दो बार आया अजमेर
विकास 26 दिसम्बर को सुबह 10 बजे दोस्त मोहित और शेर खान के साथ अजमेर एसओजी चौकी पहुंच गया। मित्तल ने उसे 30 दिसंबर को आने को कहा। विकास ने रवानगी से पहले उनके निजी नंबर पर कॉल किया तो मित्तल ने 2 जनवरी को अजमेर आने को कहा। जब वह पहुंचा तो उसे दस्तावेजों में कमियां बताई।

कांस्टेबल को भेजा साथ..
एसीबी ने अजमेर में होटल से 25 लाख रुपए देकर एक कांस्टेबल को साथ रवाना किया। टीम भी ट्रेप के इरादे से हाइवे पर छिप गई। दलाल सुमित वहां पहुंचा लेकिन एसीबी की कार्रवाई का अंदेशा होने से वह तुरंत रवाना हो गया। इसके बाद सुमित ने विकास को ना कॉल किया ना उसका कॉल रिसीव किया।

जेपीईई ड्रग्स कंपनी जा धमकी
विकास ने एसीबी को बताया कि एएसपी मित्तल उसकी हरिद्वार स्थित जेपीईई ड्रग्स कंपनी में पहुंची। वहां उन्होंने बताया कि उसके खिलाफ अजमेर में साइकोट्रॉपिक दवा के तीन मामले दर्ज हुए हैं। पकड़ी गई दवाइयों में उनकी फैक्ट्री की दवाएं भी शामिल हैं।

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सत्यापन के बाद वारंट इश्यू
आरोपियों को एसीबी की कार्रवाई की भनक लग चुकी थी। लेकिन एसीबी द्वारा वॉइस रिकॉर्डर से एसओजी एएसपी दिव्या मित्तल और दलाल सुमित द्वारा रिश्वत मांगने का सत्यापन हो चुका था। एसीबी ने उच्चाधिकारियों से बातचीत कर 14 जनवरी को विकास की शिकायत पर मामला दर्ज किया। 15 जनवरी को एसीबी ने मित्तल के घर-दफ्तर की तलाशी के लिए वारंट इश्यू करवाए। मांगीलाल को आइओ नियुक्त किया गया।

पकड़े थे रेमडेसिविर इंजेक्शन
मित्तल ने कोरोना संक्रमण काल के दौरान बीकानेर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस मामले में एसओजी ने विनय कुमार, प्रदीप और अनुज अग्रवाल को गिरफ्तार किया। इनके खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश और आवश्यक वस्तु अधिनियम का दोषी मानते हुए जयपुर अदालत में चालान पेश किया था।

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