महावीर सर्किल की तरफ स्थित सुभाष उद्यान की दीवार के पास खड़ी युवती ने जैसे ही युवक को देखा बोली ‘चलना है क्या, पांच सौ रुपए लगेंगे…’ युवक ने जैसे ही हां कहा, वह उसकी बाइक पर बैठ गई। युवक ने बजरंग गढ़ चौराहे की तरफ ले जाते हुए पूछा… तुम्हारे पास जगह है क्या तो उसका जवाब था कि नहीं इन दिनों गेस्ट हाउस बंद है। वहां किसी से खतरा नहीं था। अभी तो आपको अपनी ही जगह लेकर चलना पड़ेगा…। युवक ने पूछा पुलिस से कोई खतरा है क्या…तो युवती ने कहा नहीं, किसी से कोई खतरा नहीं है…।
युवक ने पूछा…एक आदमी को और साथ ले सकते हैं क्या? तो युवती ने कहा …हां, लेकिन एक हजार रुपए लगेंगे। इस पर युवक ने कहा कि मेरा एक दोस्त आ रहा है, उसी की कार में चलेंगे…इतना कहकर वह युवती को वापस उसी स्थान पर लेकर आ गया, जहां से उसे बाइक पर बैठाया था। लेकिन युवती ने बीच रास्ते में ही कह दिया था कि अब तो पांच सौ रुपए लगेंगे, चाहे कोई दूसरा आए या नहीं…।
युवक जैसे ही उसे वापस वहीं लेकर पहुंचा और कार वाले दोस्त का इंतजार करने लगा, युवती को भनक लग गई। उसने अपने एक परिचित को वहां बुला लिया और कहा कि पहले पांच रुपए निकालो, नहीं तो जाने नहीं देंगे। युवती का परिचित युवक जैसे ही कुछ करता, पत्रिका टीम का दूसरा सदस्य वहां पहुंच गया। उसके हाथ में कैमरा देख कर वह वहां से भाग गया।
सुभाष उद्यान के पास जहां जिश्मफरोशी का यह धंधा चल रहा है, वहां गन्ने के रस के ठेले आदि खड़े रहते हैं। सामने एक शॉपिंग कॉम्पलेक्स है, पास में ही मंदिर है। इसलिए कई लोगों की आवाजाही बनी रहती है। ठेले वालों से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि यह इनका रोज का काम हो गया है, हम खुद परेशान हो चुके हैं, इनकी पूरी गैंग है…। उन्होंने बताया कि कई बार पुलिस को मौखिक जानकारी भी दी गई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया कि इसमें एक महिला भी शामिल हंै। वह सुभाष उद्यान के बाहर एक छोर से दूसरे छोर तक घूमती रहती है और नजर बनाए रखती है। बात नहीं बनती तो यह लोग मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। आसपास खड़े इनके गिरोह के लड़के और अन्य युवतियां सरेआम लोगों से मारपीट करती हैं। ऐसी ही एक वारदात एक दिन पहले बुधवार सुबह भी हुई जिसे पत्रिका फोटोग्राफर ने कैमरे में कैद किया।
देहव्यापार के इस धंधे का सच प्रशासन के सामने रखने के उद्देश्य से यह स्टिंग ऑपरेशन किया गया है। स्टिंग टीम ने केवल इसमें लिप्त युवती से बातचीत कर सच जानने की कोशिश की है। बातचीत की रिकॉडिंग पत्रिका के पास मौजूद है।
सुभाष उद्यान के आसपास खानाबदोश बैठे रहते हैं। उनके साथ कोई महिला बैठी है तो उसका तो कैसे पता लगाया जाए कि वह क्यों बैठी है। अब तक कोई शिकायत भी नहीं मिली। मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
शमशेर खां, थानाप्रभारी कोतवाली