अजमेर(Ajmer News). ऑनलाइन ठगी करने वाले जालसाज ना केवल आम लोगों को शिकार बना रहे हैं बल्कि अब उन्होंने लोगों के जज्बात के साथ भी खेलना शुरू कर दिया है। हाल ही में ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक ऐसे दम्पती को जाल में फंसाकर साइबर ठगी का शिकार बनाया जो संतान की ख्वाहिश में तरस रहा है।
जानकारी के अनुसार साइबर ठग अजमेर सोमलपुर के नाम से सोशल मीडिया पर फेक विज्ञापन वायरल कर नि:संतान दम्पती को संतान दिलवाने का झांसा देकर ऑनलाइन ठगी का शिकार बना रहे हैं। जालसाज ने बीते 25 दिन में एक नि:संतान दम्पती को अपनी बातों में उलझाकर आवेदन के सत्यापन से लेकर हेल्थ सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, गोदानामा, बच्चे का जन्म प्रमाण, स्टाम्प पेपर तैयार कराने समेत अन्य कामकाज के नाम पर 32 हजार 220 रुपए की चपत लगा चुके हैं। रकम हड़पने के बाद भी बच्चा नहीं मिलने पर दम्पती ने ऊंची आवाज में बात की तो जालसाज अपने असली रूप में आ गया। उसने ना केवल अभद्रता कि बल्कि पीडि़त नि:संतान दम्पती की उम्मीदों को हमेशा के लिए यह कहकर तोड़ दिया कि अब उनको देश के किसी भी अनाथालय से बच्चा नहीं मिल सकेगा। पीडि़त मंगलवार को अपनी फरियाद लेकर अजमेर बाल कल्याण समिति कार्यालय पहुंचे। जहां पीड़ा सुनने के बाद उन्हें ब्यावर के साकेत नगर थाने में शिकायत दर्ज करवाने के लिए कहा गया।
यों बनाया शिकार
ब्यावर जिले की शालू(बदला हुआ नाम) की शादी के 8 साल बाद भी संतान नहीं है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अजमेर सोमलपुर में अनाथ आश्रम का बच्चे गोद देने का विज्ञापन देखा तो संतान की ख्वाहिशें जाग गईं। विज्ञापन में दिए मोबाइल नम्बर पर शालू व उसके पति ने बात की तो 620 रुपए की ऑनलाइन फीस लेकर फार्म भराया।पांच दिन बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर उन्होंने फिर सम्पर्क किया तो आरोपी ने फार्म सत्यापन की कार्रवाई के लिए 3120 रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए। समय गुजरा तो खर्च-पानी के नाम पर शालू से पांच हजार ट्रांसफर करवा 10 दिन का समय दिया। दस दिन बाद दम्पती ने फिर सम्पर्क किया तो दोनों के हेल्थ सर्टिफिकेट तत्काल जमा करवाने की शर्त रख दी। हेल्थ सर्टिफिकेट की समस्या के निस्तारण के लिए 2350-2350 के हिसाब से 4700 रुपए ट्रांसफर करवा लिए। फिर आय प्रमाण पत्र के 1910 रुपए, गोदनामा, जन्म प्रमाण पत्र, नोटरी करवाने के नाम पर 10 हजार रुपए डलवाए। इस तरह संतान की चाह में दम्पती ‘जालसाज के जाल’ में फंसता चला गया। अब तक उनसे 32 हजार 220 रुपए ऐंठे जा चुके हैं।
सख्त लहजे पर सामने आई असलियत
पीडि़त दम्पती ने सोमलपुर आने को कहा तो आरोपी ने संस्था के काम से एमपी जाने की बात कही। जब परेशान होकर नि:संतान दम्पती का धैर्य टूटने पर लहजा सख्त हुआ तो आरोपी ने भी अपनी असलियत जाहिर कर अभद्रता कर डाली। जितने कॉल सबको देते हैं समय
पीडि़त दम्पती ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि जब उन्हें जालसाजी का भान हुआ तो उन्होंने अपने स्तर पर अलग-अलग नम्बरों से बच्चा गोद लेने के लिए कॉल किया। कॉल करने पर ठग उन्हें हर बार बच्चा गोद देने की नई तिथि बता देता था।
इनका कहना है…
दम्पती ने पीड़ा सुनाई। पुलिस में शिकायत के लिए भेजा है। पूर्व में अहमदाबाद के दम्पती के ठगे जाने पर ब्यावर में ‘महाठगी’ के दफ्तर का खुलासा हुआ था लेकिन गिरोह अब भी सोशल मीडिया पर सक्रिय है। नि:संतान दम्पतियों के जज्बात से खिलवाड़ कर ठगा जा रहा है। बच्चे गोद देने का काम ‘कारा’ करती है। -अंजली शर्मा, अध्यक्ष जिला बाल कल्याण समिति अजमेर