अब शनिवार को फिर से आरोपी पीसी जैन को कोर्ट में पेश किया जाएगा। अजमेर पुलिस को टूलिप कम्पनी से जुड़े प्रकरण में जैन की पत्नी शशि जैन की तलाश है। दोनों विदेश भागने की फिराक में थे। जबकि टूलिप ग्लोबल व डीजी मुद्रा में साझेदार रवि जैन शामिल है। गेगल और रूपनगढ़ थाने में डीजी मुद्रा कम्पनी से संबंधित प्रकरण दर्ज हैं।
बता दे कि अजमेर की गंज थाना पुलिस ने आरोपी ट्यूलिप ग्लोबल कंपनी के डायरेक्टर पीसी जैन को हैदराबाद एयरपोर्ट से उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब वो देश छोड़कर विदेश भागने की फिराक में था। पिछले पांच दिन तक चली पूछताछ के दौरान आरोपी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए है। आरोपी पीसी जैन ने निवेशकों की रकम का बड़ा हिस्सा विदेश में भी निवेश किया है। अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे में वह सोने की खदान में साझेदार है। पीसी जैन का साझेदार रवि जैन उसका विदेशी कारोबार देखता है। रवि पूर्व में दुबई भागने में कामयाब रहा। वह पीसी जैन की अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे में स्थित सोने की खदान का कामकाज भी देखता है। खदान में पीसी जैन साझेदार है। उसने खदान में 30 लाख का निवेश किया था।
इसके अलावा जयपुर की एनआरआई कॉलोनी में भी उसके व पत्नी के नाम पर भूखण्ड और फ्लैट हैं। अनुसंधान अधिकारी सीओ (दरगाह) गौरीशंकर शर्मा ने बताया कि पुलिस को उसके आवास और ऑफिस से संपत्ति से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। जयपुर में जैन के कम्पनी कार्यालय से बड़ी संख्या में दस्तावेज व कम्प्यूटर जब्त किया हैं। जैन ने टूलिप के जरिए 99 हजार निवेशकों के पैसे निवेश करवाने के बाद टूलिप ग्लोबल लॉन्च की। टूलिप ग्लोबल में करीब 28 लाख निवेशकों को एक साल में धन दोगुना करने का झांसा देकर करोड़ों रुपए निवेश करवाने के बाद वह भूमिगत हो गया।
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पुलिस पड़ताल में आया कि टूलिप के बाद बनाई गई टूलिप ग्लोबल के जरिए पीसी जैन ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात समेत अन्य राज्यों में 28 लाख लोगों से कम्पनी में निवेश कराया। टूलिप गोल्ड व डीजी मुद्रा में निवेशकों से सदस्यता शुल्क और टैक्स के रूप में 3100 से 3700 रुपए के हिसाब से करोड़ों की रकम वसूली। बदले में सदस्यों को 400 रुपए कीमत का सूट पीस दिया जाता था। निवेशकों की रकम लेकर भूमिगत हो गया।