प्रो. सिंह ने कहा कि वक्त के साथ हाइटेक होना जरूरी है। इसके तहत वे 2018-19 की परीक्षाओं में उत्तरपुस्तिकाओं के ऑनलाइन मूल्यांकन शुरुआत के इच्छुक हैं। पहले एक विषय अथवा विभाग में इसकी शुरुआत होगी। प्रयोग सफल रहा तो अगले सत्र से सभी कॉपियां ऑनलाइन जंचवाई जाएंगी। विद्यार्थियों के लिए परिसर में विशिष्ट कोर्स प्रारंभ होंगे।
इसके तहत रक्षा रणनीति (डिफेंस स्ट्रेटजी कोर्स) शुरू होगा। पाठ्यक्रम रक्षा मंत्रालय और यूजीसी के अनुसार होगा। इसी तरह भूगोल, रिमोट सेंसिंग और अन्य विभागों का संयुक्त रीजनल इम्पॉरटेंस पाठ्यक्रम भी प्रारंभ होगा। इसमें रिमोट सेंसिंग, नगर निकाय कर प्रणाली, जीपीएस पद्धति, भूगर्भ शास्त्र जैसे क्षेत्रों में विद्यार्थियों को रोजगार मिलेगा। खेलकूद से जुड़ा बीपीएड-एमपीएड पाठ्यक्रम भी शुरू किया जाएगा। इससे विद्यार्थियों को खेल प्रशिक्षक, खेल विशेषज्ञ बनने का अवसर मिलेगा।
केन्द्रीय मूल्यांकन प्रणाली करेंगे शुरू महर्षि दयानंद सरस्वती विश्विद्यालय के प्रशासनिक कार्य प्रणाली में कई सुधार किए जाएंगे। इसमें सर्वप्रथम केन्द्रीय मूल्यांकन व्यवस्था को पुन: शुरू किया जाएगा। जिससे काम की गति बढ़ेगी। साथ ही विश्वविद्यालय की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा।
खत्म करेंगे हार्डकॉपी पद्धति ऑनलाइन परीक्षा फार्म के साथ हार्ड कॉपी जमा कराने की निरर्थक व्यवस्था से जुड़े पत्रिका के सवाल पर प्रो. सिंह ने कहा कि आईटी-डिजिटल क्रांति के दौर में इनमें बदलाव की जरूरत है। हम जल्द परीक्षण कर हार्डकॉपी पद्धति को खत्म करेंगे। विद्यार्थियों के ऑनलाइन डाटा के अधिकाधिक उपयोगिता को काम में लिया जाएगा। इसके अलावा मौजूदा परीक्षा मूल्यांकन केंद्र प्रणाली का वे अध्ययन कर इसमें सुधार करेंगे।
जनवरी में होगा दीक्षान्त समारोह
प्रो. सिंह ने कहा कि आचार संहिता के कारण नवां दीक्षान्त समारोह जनवरी २०१९ में कराया जाएगा। भविष्य में इसकी तिथि भी जनवरी में निर्धारित होगी। १ अगस्त को विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। इस दिन स्मारिका का प्रकाशन, शहर के ख्यातनाम लोगों के व्याख्यान,विद्यार्थियों, शिक्षकों का सम्मान समारोह होगा।
प्रो. श्रीमाली का ड्रीम करेंगे पूरा प्रो. सिंह ने कहा कि पूर्व कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली ने अजमेर-पुष्कर रेल लाइन से सटी दूसरी तरफ की जमीन पर कैंपस कॉलेज बनाने की योजना बनाई थी। इसके तहत कॉलेज बनाया जाएगा। यहां रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण होगा। साथ ही कॉलेज में स्नातक स्तर के नियमित और विशेष कोर्स चलाए जाएंगे। इसके अलावा प्रो. श्रीमाली की स्मृति में उद्यान या अन्य निर्माण कराया जाएगा।
पत्रकारिता कोर्स को बनाएंगे सुदृढ़
प्रो. सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के पत्रकारिता को कोर्स को सुदृढ़ किया जाएगा। यहां स्टूडियो और विश्व स्तरीय सुविधाएं होंगी। विद्यार्थियों को प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा। इसके अलावा देश से नामचीन व्यक्तियों, विशेषज्ञों, पत्रकारों के व्याख्यान कराए जाएंगे।
शिक्षक-अधिकारियों की होगी भर्ती शिक्षकों की कमी बताते हुए प्रो. सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में विभागवार शिक्षकों-अधिकारियों की भर्ती होगी। जिन विभागों में सरकार से स्वीकृति मिल चुकी हैं, उनके आवेदन लेकर साक्षात्कार कराए जाएंगे। अधिकारियों की भर्तियां भी कराई जाएंगी।