डॉ. अखिलेश कुमार ने केन्द्र में स्थित प्रयोगशाला, म्यूजियम और केन्द्र में तैयार की जा रही मसालों की किस्मों का मौके पर पहुंच निरीक्षण किया और वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे कार्य पर संतोष जताते हुए उनके कार्य की सराहना की।
राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. गोपाल लाल ने बताया कि डॉ. कुमार ने 60-70 वैज्ञानिकों व शौद्यार्थियों समेत स्टाफ की बैठक ली। इसमें विस्तृत चर्चा कर किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रयास करने, वातावरण में आ रहे बदलाव के अनुसार फसलों के उत्पादन पर जोर दिया।
उन्होंने महाराष्ट्र से टे्रनिंग पर आए 31 किसानों से भी बातचीत की और मसाला उत्पादन को लेकर सलाह दी। उन्होंने किसानों से कहा कि प्रतिस्पद्र्धा के दौर में मसालों के उत्पादन के जरिए न सिर्फ खेती-किसानी को जिंदा रखा जा सकता है, बल्कि छोटे-छोटे कुटीर उद्योग स्थापित कर दूसरों को रोजगार भी दिया जा सकता है।
READ MORE : अवसाद : पहली पत्नी से तलाक, दूसरी ने छोड़ा तो लगा ली फांसी उन्होंने किसानों और वैज्ञानिकों से खेती और प्रयोगों के दौरान आने वाली परेशानियों और समस्याओं पर भी चर्चा की। उन्होंने किसानों को बताया कि मसाला खेती के जरिए अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है।
मसाले न सिर्फ सब्जियों का स्वाद बढ़ाने में उपयोग किए जा रहे हैं, बल्कि इनका औषधीय उपयोग भी है। कई दवाइयों में भी इनका उपयोग किया जा रहा है। साथ ही कई पेय पदार्थ और खाद्य सामग्री भी इनके जरिए तैयार की जा रही है। उन्होंने किसानों को आर्गेनिक खेती करने की सलाह भी दी।
READ MORE : Fake currency-आरबीआई की तिजोरी में पहुंचे 100 के जाली नोट केन्द्र के डायरेक्टर डॉ. गोपाललाल ने बताया कि डॉ. कुमार ने केन्द्र में हो रहे प्रयोगों पर वैज्ञानिकों की सराहना की। उन्होंने इस पर भी खुशी जताई कि यहां देशभर के किसानों को बुलाकर केन्द्र का भ्रमण कराया जा रहा है और उन्हें ट्रेनिंग देकर उनकी आय बढ़ाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।