फिर न हो जाए बैक डोर एंट्री अधिशाषी अभियंता (सिविल) के एक पद के लिए पांच दावेदार है। इनमें से तीन के खिलाफ जांचे चल रही हैं जबकि एक के पास तीन साल का अनुभव भी नहीं,अधिशाषी अभियंता बने हुए एक साल भी नहीं है। कुछ अभियंताओं को पूर्व में चार्जशीट देकर स्मार्ट सिटी से हटाया गया था लेकिन साक्षात्कार में वे भी शामिल है। उनकी प्रतिनियुक्ति के बीच एक साल का अंतर भी नहीं है। वहीं डिप्लोमाधारी अभियंता ने भी आवेदन किया है जबकि जिला कलक्टर ने डिगीधारी इंजीनियरों को ही लेने के स्पष्ट निर्देश दिए थे। गत वर्ष भी एक साल का अनुभव रखने वाले एक अधिशाषी अभियंता नियुक्ति बैक डोर से की गई थी जबकि प्रतिनियुक्ति में अनुभव तीन साल का मांगा गया था।
अधीक्षण अभियंता के पद पर चुप्पी
स्मार्ट सिटी अजमेर में अतिरिक्त मुख्य अभियंता का पद स्वीकृत नहीं है। इसके बावजूद अधीक्षण अभियंता अविनाश शर्मा से अतिरिक्त मुख्य अभियंता पद का काम करवाया जा रहा है। इनके पद के लिए वित्त विभाग मंजूरी नहीं दी है। वहीें खर्चों में कटौती को लेकर सरकार के नए निर्देशों के अनुसार १ जुलाई के बाद कोई नया पद स्वीकृत नहीं किया जा सकता है। स्मार्ट सिटी अजमेर व कोटा में केवल अधीक्षण का पद ही स्वीकृत है लेकिन खर्च घटाने के बजाय अजमेर में अतिरिक्त मुख्य अभियंता को अतिरिक्त वेतन व भत्ते नियम विरुद्ध दिए जा रहे हैं वह भी बिना वित्त विभाग की स्वीकृति के। स्मार्ट सिटी के वित्तीय सलाहकार भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। स्मार्टसिटी में अधीक्षण अभियंता (एसई) का पद रिक्त है लेकिन इस पद के लिए आवेदन नहीं मांगा गया।
इनका कहना है
एसीईओ उपलब्ध नहीं हैं। साक्षात्कार लेने के बाद मामले को स्मार्ट सिटी सीईओ को भेजा जाएगा। वहीं से निर्णय होगा।
अनिल विजयीवर्गीय,मुख्य अभियंता,स्मार्ट सिटी,अजमेर