10 वर्ष के बाद 6 माह तक 2 प्रशित शास्ती के साथ नोटिस के साथ मकान बनाने का अंतिम मौका दिया जाएगा। नोटिस के पश्चात भूखंड का आवंटन स्वत: ही निरस्त हो जाएगा। ऐसे प्रकरणो पर राज्य सरकार के आदेशों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। नियम 17 में भूखंड लॉटरी में आवंटन की दिनांक से 10 वर्ष तक आवंटी बेचान नहीं कर सकता है लेकिन यदि आवंटन दिनांक से 5 वर्ष में भूखंड का बेचान करता है तो वर्तमान आरक्षित दर का 10 प्रतिशत देना होगा। 5 वर्ष पश्चात 10 वर्ष तक 5 प्रतिशत शास्ती वर्तमान आरक्षित दर से देनी होगा। आवंटी को कब्जा पत्र से 5 वर्ष में निर्माण किया जाना अतिआवश्यक है। 5 वर्ष पश्चात 10 वर्ष तक एक प्रतिशत शास्ती राशि वर्तमान आरक्षित दर जमा करवाना होगा। 10 वर्ष पश्चात 6 महीने में नोटिस के द्वारा वर्तमान आरक्षित दर का 2 प्रतिशत राशि शास्ती लेते हुए अंतिम मौका दिया जाएगा। उसके पश्चात भूखंड का आवंटन स्वत: निरस्त हो जाएगा। राज्य सरकार 2 प्रतिशत शास्ती लेते हुए आगे अवधि विस्तार करने के आदेश दे सकती है।
नाम हस्तांतरण हुआ मंहगा भूमि निस्पादन नियम 1974 में नया नियम 20 ए जोड़ा गया है। जिसमें नाम हस्तांनातंरण Name transfer, के आवेदनों में 100 मीटर तक भूखंडों 10 रूपए प्रति मीटर, 100 से 300 तक में 15 रूपए प्रति मीटर और 300 से 500 मीटर में 20 रूपए प्रति मीटर और 500 से अधिक के मामलों में 25 रूपए प्रति मीटर से राशि लेने के प्रावधान लागू किए गए है।