इसके तहत कायड़ के बाद घूघरा, माकड़वाली, लाडपुरा सहित आस-पास के क्षेत्र में भी लेड जिंक के साथ अन्य खनिज की तलाश की जा रही है। साथ ही कायड़ में लेड जिंक के भंडार की स्थिति का भी आकलन किया जा रहा है।
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विभाग का हेलीकॉप्टर घूघरा हेलीपेड पर विभिन्न उपकरणों के साथ पिछले चार दिन से सर्वे में जुटा हुआ है। हालांकि खनिज विभाग से जुड़े अधिकारी फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं। खनिज भू-विज्ञान विभाग की ओर से पूर्व में करवाए गए सर्वे में श्रीनगर की पहाडि़यों में तांबा का भंडार है। प्रोसेसिंग के बाद यहां ऑक्शन का कार्य होना शेष है।
संभाग में यह है स्थिति
अजमेर : ग्रेनाइट, फेल्सपार, क्वार्ट्ज, लेड जिंक मुख्य मिनरल हैं।
भीलवाड़ा : आगूंचा में लेड जिंक, फेल्सपार प्रमुख रूप से हैं। साथ ही ग्रेनाइट, लाइमस्टोन, क्वार्ट्ज भी है।
नागौर : जिप्सम, मार्बल, लाइमस्टोन।
टोंक : ग्रेनाइट, क्वार्ट्ज
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अजमेर में लेड जिंक है। अजमेर को म्यूजियम ऑफ मिनरल्स कहा जाता है। हमारा सर्वे का काम चल रहा है, लेकिन ज्यादा कुछ जानकारी अभी नहीं दे सकते हैं। हवाई सर्वे से संबंधित जानकारी नहीं है।
– सुनील वर्मा, अधीक्षण भू-वैज्ञानिक, अजमेर