चौधरी का पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में टिकट कट गया था। भाजपा ने उनकी बजाय युवा चेहरे विकास चौधरी को किशनगढ़ से प्रत्याशी बनाया। इसके चलते भागीरथ चौधरी और उनके समर्थकों में जबरदस्त नाराजगी रही। कांग्रेस ने भी पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया का टिकट काटकर नए प्रत्याशी को उतारा। इसके चलते कांग्रेस और भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा। यहां से निर्दलीय प्रत्याशी सुरेश टाक विजयी रहे थे।
भाजपा ने लगातार तीसरी बार जाट समुदाय को अजमेर से मौका दिया है। 2014 में तत्कालीन जलदाय मंत्री सांवरलाल जाट को अजमेर से उतारा गया था। उन्होंने तत्कालीन कॉरपॉरेट अफेयर और मौजूदा उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को 1.41 लाख वोट से हराकर चुनाव जीता।
चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अब सबकी निगाहें कांग्रेस पर टिकी हैं। कांग्रेस अब ब्राह्मण, वैश्य या अन्य किसी समुदाय के व्यक्ति को प्रत्याशी बना सकती है।