ग्रामवासी टैंकरों व हैण्डपम्पों पर निर्भर है। हालात यह हैं कि ग्रामवासी अब बीसलपुर के पानी को तो भूल ही गए हैं।
गांव में पेयजल व्यवस्था हैंडपम्पों पर निर्भर हैं। उसमें से भी कुछ हेैंडपम्प तो खराब ही हैं। और टैंकरों की भी व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों को शिकायत है कि उनकी कोई सुनने वाला नही है। गांव के मवेशियों का भी बुरा हाल है उनका भी बिना पानी के बुरा हाल है।
ग्रामीणों को पेयजल व्यवस्था का इंतजार है। आखिर कब पूरी होगी पेयजल की दरकार। स्थानीय लोग पैसों से पानी लाते है और वो भी चोरी हो जाता है इसलिए लोग अपने पानी के ड्रामों पर ताला लगाने को मजबूर हैं।