तारागढ़ की पहाड़ी में बनी सीसा खान में सीसा का खनन लम्बे समय तक होता रहा। मराठा काल में भी सीसा खान से उत्पादन होता था। मराठा राजाओं की ओर से प्रतिवर्ष करीब 5 हजार रुपए का कर वसूला जाता था, बाद में अजमेर के पहले सुपरिडिएंट मिस्टर वाइल्डर की ओर से यह कर बढ़ाकर 10 से 12 हजार रुपए कर दिया गया। लेखक ए.के. घोष ने भी सीसा खान के बारे में लिखा है।
सीसा से बनते थे मिलिट्री के उपकरण कंपनी पीरियड के दौरान मिलिट्री के उपकरण बनाने के लिए भी अजमेर की सीसा खान से निकले सीसा का उपयोग किया जाता था। बाद में धीरे-धीरे स्थानीय शक्ति के अधीन माइनिंग का काम आ गया। उत्पादन कम होने के बाद खनन का काम भी धीमा हो गया।