आमजन को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोगों ने बताया कि नेट में स्पीड की दिक्कतें यूं तो सुबह से ही आने लगी थीं लेकिन नेट का काम बंद हो गया। लोग एक दूसरे को संदेश भेजने के लिए फोन कर पुष्टि करने लगे। नेट बंद होने से सरकारी दफ्तरों, बैंकिंग व अन्य जरूरी ऑनलाइन होने वाले कामकाज इंटरनेट बंद होने से अटक गए जिससे आमजन को भी दफ्तरों व बैंक में कई घंटे बैठना पड़ा। वही कुछ मोबाइल ऑपरेटरों ने एसएमएस भेज कर अपने उपभोक्ताओं के सरकार के निर्देश पर अजमेर शहर में मोबाइल डाटा सर्विस बंद होने की जानकारी भी दी तथा असुविधा के खेद भी जताया।
नकल रोकने के लिए एहतियातन उठाया कदम परीक्षा प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हर्ष रत्नू ने ताया कि परीक्षा में नकलबंदी में इंटरनेट के दुरुपयोग की आशंकाओं के चलते नेटबंदी की गई। रत्नू ने बताया कि परीक्षा से एक घंटे पहले यानी दो बजे से परीक्षा समाप्त होने तक के लिए नेटबंदी की व्यवस्था उच्च स्तर के आदेशों से की गई है। दूसरी ओर शहर वासियों का कहना है कि नेट ने काम करना बंद कर दिया है जिससे आमजन को परेशानी हुई।
जिले में करीब 10 हजार अभ्यर्थी पंजीकृत
परीक्षा प्रभारी रत्नू ने बताया कि अजमेर व किशनगढ़ में 20 परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा हुई। इनमें 9936 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। परीक्षा विभिन्न परीक्षा केन्द्रों में चली।परीक्षा में आइंदा भी नेट वर्र्किंग बंद होगी जानकारों की मानें तो अब आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में इंटरनेट परीक्षा अवधि में बंद रहेगा।
कम से कम पुलिस विभाग में तो सिद्धांत: यह नीति बना ली गई है। अन्य बड़ी परीक्षाओं के लिए भी ऐसा किया जा सकता है। हाईटेक नकल के मामलों में ब्लू टूथ या पर्चा खुलने के साथ ही नेट पर प्रश्न पत्र आउट करने जैसी विषमताओं से बचने के लिए अब यह व्यवस्था अन्य विभागों व ऐजेंसियां भी अपना सकती हैं।
दो माह में तीसरी बार अजमेर में दो महीने में यह तीसरी बार नेट बंदी हुई है। 14 व 15 जुलाई को आयोजित कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के कारण दो दिनों तक नेट बंद रहा। इसके बाद 5 अगस्त को आरएएस परीक्षा के कारण नेटबंदी रही। सोमवार को मेवाड़ भील कोर बांसवाड़ा कांस्टेबल भर्ती परीक्षा -2018 के चलते नेट बंद रहा।
कल ही प्रेसनोट जारी किया गया था। किस कारण सूचना नहीं पहुंची इसका पता लगवाते हैं। -के.के.शर्मा. अतिरिक्त संभागीय आयुक्त, अजमेर संभाग