नगर निगम उपायुक्त (प्रशासन) अखिलेश पीपल ने बताया कि निगम की टीम गांधी भवन स्थित पुस्तकालय पहुंची। टीम ने देखा कि पुस्तकालय में 3-4 कमरे में रिकार्ड रखा हुआ है, यदि उन्हें सही तरह से संधारित कर दिया जाए तो अन्य शाखाओं का रिकार्ड भी वहां पर रखा जा सकता है। साथ ही पुस्तकालय की छत से टपकने वाले पानी की समस्या के समाधान के निर्देश दिए। कस्तूरबा गांधी चिकित्सालय की छत पर कचौरी एवं अन्य सामग्री बनाने का कारखाना खुला हुआ है। साथ ही 10-12 कमरे खाली पड़े हैं। यहां पर विवाह पंजीयन जन्म-मृत्यु अन्य शाखा मय रिकार्ड(record) शिफ्ट किए जा सकते हैं। परिसर में दुकानदारों के वाहन और रात्रि के समय अस्थाई दुकानदार अपना सामान भी चिकित्सालय में रखकर चले जाते हैं। उन्होंने तुरंत इसे बंद कराने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान सहायक अभियंता ललित मोहन, नोहिन खानम, पुस्तकालय प्रभारी जयश्री और रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु सीताराम जोशी आदि मौजूद थे।
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पीसांगन . लबालब भरे गोविंदगढ़ बांध (Govindgarh Dam) के पानी से होकर पीसांगन से गोविंदगढ़ जा रही 33 हजार केवी हाइटेंशन लाइन के 2 विद्युत पोल (Electric pole) बांध में भरे पानी में गिर गए। इससे आधा दर्जन से अधिक गांवों की बिजली गुल हो गई। डिस्कॉम कर्मी व्यवस्थाओं के सुधार में लगे हैं।
सहायक अभियंता (Assistant Engineer)दुर्गालाल देवत ने बताया कि बांध के भराव में 2 विद्युत पोल के गिरने की सूचना मिलने पर उन्होंने मौके पर जाकर हालातों का जायजा लेते हुए लाइन दुरस्त कर निर्बाध बिजली सप्लाई के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
देवत ने बताया कि पीसांगन से गोविंदगढ़ सप्लाई के लिए जा रही 33 हजार केवी हाइटेंशन लाइन के 2 पोल पानी के भराव में गिर गए। जिसके कारण गोविंदगढ़ जीएसएस से जुड़े गोविंदगढ़ के अलावा अखेपुरा, समरथपुरा, जसवंतपुरा, अमृतपुरा, लेसवा, रूपाहेली व रामपुरा नांद आदि में बत्ती गुल हो गई। सूचना मिलने पर डिस्कॉम कर्मी मौके पर पहुंचे। देर शाम तक बिजली सप्लाई का कार्य किया जा रहा था।