राजस्थान की स्कूलों में जल्द ही दो हजार आठ डिजिटल बोर्ड लगाए जाएंगे। इससे अध्यापक की अनुपिस्थति में भी बच्चे प्री रिकार्ड पाठय सामग्री के जरिए पढ़ाई कर सकेंगे। यह कदम अध्यापकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होने देने के लिए उठाया गया है। इस पहल के तहत ब्यावर जिले में 138 स्कूलों की सूची तैयार की गई है। जहां गणित और विज्ञान के शिक्षक नहीं हैं। इन स्कूलों में पहले चरण में डिजिटल बोर्ड लगाए जाएंगे। जवाजा ब्लॉक में 37 उन स्कूलों को शामिल किया गया है, जिनमें गणित और विज्ञान के शिक्षक नहीं हैं। इनमें से 14 स्कूल ऐसी हैं जहां दोनों विषयों के शिक्षक नहीं हैं।
यह होता है डिजिटल बोर्ड
डिजिटल बोर्ड एक इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले होता है। जो शिक्षा, प्रस्तुतियों और अन्य प्रकार की जानकारी को प्रदर्शित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह एक इंटरैक्टिव डिस्प्ले होता है जो उपयोगकर्ताओं को सीधे स्क्रीन पर लिखने, ड्रॉ करने और अन्य इंटरैक्टिव गतिविधियों को करने की अनुमति देता है। डिजिटल बोर्ड पर डिजिटल सामग्री जैसे कि वीडियो, ऑडियो और फोटोज प्रदर्शित की जा सकती है। डिजिटल बोर्ड में सामग्री को स्टोर करने की क्षमता होती है, जिससे उपयोगकर्ता अपनी सामग्री को आसानी से एक्सेस कर सकते हैं। कालांश में पाठ्यक्रम के अनुसार विद्यार्थियों को संबंधित पाठ का अध्ययन करवा सकते हैं। विद्यार्थियों को यह मिलेगा लाभ
डिजिटल बोर्ड आकर्षक और इंटरैक्टिव शिक्षा प्रदान करता है, जिससे विद्यार्थी अधिक रुचि लेते हैं। डिजिटल बोर्ड पर वीडियो और ऑडियो सामग्री का उपयोग करके विद्यार्थियों को विषयों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। डिजिटल बोर्ड विद्यार्थियों को स्वतंत्र शिक्षा प्रदान करता है, जिससे वे अपनी गति से सीख सकते हैं। अगर किसी विद्यार्थी को समझने में परेशानी आ रही है तो वो वापस भी प्री रिकार्ड कालांश के जरिए रिवीजन कर सकेंगे।