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अजमेर

खामियों के चौराहे-तिराहे. . ट्रेफिक जाम, भ्रमित हो रहे लोग

स्पॉट लाइट : चौराहों-तिराहों पर डिवाइडर लाइन नहीं होने से लेफ्ट लेन में लग रहा जामअमानक तरीके से कर रहे जेब्रा व स्टॉप लाइनिंग

अजमेरDec 02, 2024 / 03:13 am

manish Singh

खामियों के चौराहे-तिराहे. . ट्रेफिक जाम, भ्रमित हो रहे लोग

00खामियों के चौराहे-तिराहे. . ट्रेफिक जाम, भ्रमित हो रहे लोग

अजमेर(Ajmer News). शहर के कुछ चौराहों पर यातायात पुलिस ने ट्रेफिक लाइट तो शुरू कर दी लेकिन सही दिशा सूचक और मानक अनुरूप लाइनिंग नहीं होने से लोग भ्रमित होकर ट्रेफिक में फंस रहे हैं। कुछेक चौराहों पर बनी जेब्रा लाइन गलत तरीके से बनाई गई है। इन खामियों के चलते आमजन में भी भ्रम की स्थिति बना हुई है।
यातायात पुलिस ने शहर के माकड़वाली तिराहा, टी पुलिया (आनासागर पुरानी चौपाटी) समेत करीब आधा दर्जन चौराहों और तिराहे पर ट्रेफिक लाइट शुरू कर दी। लेकिन यहां माकूल इंतजाम नहीं होने से आमजन के लिए परेशानी बनी हुई है। कई चौराहों पर अब भी स्टॉप लाइन और जेब्रा लाइन बनना शेष है। जहां बनाई गई है वो चौराहे से काफी पीछे है। इससे पैदल राहगीरों में भ्रम बना हुआ है। चौराहों पर डिवाइडर और लाइनिंग नहीं होने से यातायात को सही दिशा में जाने के लिए रूट डिवाइड नहीं किया गया है। ऐसे में ग्रीन सिग्नल होने के बाद भी वाहन चालक सिग्नल में फंसे रहते हैं।

केस-1 कहां क्या आवश्यकता

वैशालीनगर माकडव़ाली तिराहा-पुष्कर से आने वाले मार्ग पर डिवाइडर लाइन के साथ माकडवाली रोड की तरफ मुड़ने के लिए लेफ्ट लेन का दिशा सूचक की आवश्यकता है। जो हमेशा ग्रीन सिग्नल रहती है लेकिन गफलत में सीधे गुजरने वाले आमजन भी लेफ्ट लेन में ठहरने से उनके पीछे जाम की स्थिति बन जाती है। इसी तरह अजमेर शहर से पुष्कर की तरफ जाने वालों के लिए लेफ्ट लेन खाली छोड़ी जानी चाहिए। लेकिन यहां भी डिवाइडर के अभाव में जाम के हालात बन जाते हैं।

केस-2 गौरव पथ टी-पुलिया तिराहा

-वैशालीनगर से जवाहर रंगमंच की तरफ जाने के लिए वाहन चालकों को अपनी ‘लेफ्ट’ लेन में निर्बाध रूप से गुजर सकते हैं लेकिन डिवाइडर नहीं होने से बजरंगगढ़ जाने वाले वाहन भी लेफ्ट लेन में खड़े हो जाते हैं। इसी तरह जवाहर रंगमंच से आने वाला ट्रेफिक भी डिवाइडर नहीं होने से फैल जाता है। इससे वैशालीनगर से आने वाला ट्रेफिक तिराहे पर फंस जाता है।

चौराहा से दूर बनी जेब्रा लाइन

जेब्रा लाइन या क्रॉसिंग का मतलब सड़क पर सफ़ेद और काली-पीली रंग की धारियों का क्रॉसिंग है। सड़क पर पैदल यात्रियों के लिए बनाई जाती है। इसमें पैदल यात्री एक छोर से दूसरे छोर पर (क्रॉस वॉक) कर सके। जेब्रा क्रॉसिंग को चौराहों या तिराहों के आस-पास बनाया जाता है ताकि पैदल यात्री सुरक्षित सड़क पार कर सकें। लेकिन शहर में तैयार किए गए चौराहों पर जेब्रा क्रास तिराहे-चौराहे के बजाए ट्रेफिक लाइट के भी काफी पीछे बनाई गई है। इसके बाद स्टॉप लाइन है। लेकिन वाहन चालक स्टॉप व जेब्रा क्रॉस को दरकिनार कर आगे निकल जाते हैं।
स्टॉप लाइन-जेब्रा लाइन के पीछे खींची गई लम्बी स्टॉप लाइन होती है। इसका मतलब है कि रेड लाइट होने पर वाहन चालक को इसके पीछे ठहरना है। लेकिन शहर के चौराहों पर इन दिनों स्टॉप लाइन तो दूर वाहन चालक जेब्रा लाइन को क्रॉस कर देते हैं। हालांकि यातायात पुलिस कर्मी और अभय कमांड सेंटर से निगरानी के दौरान चालान बनाए जा रहे हैं।

यह हो व्यवस्था

शहर के चौराहों-तिराहों पर जेब्रा लाइन, स्टॉप लाइन व अन्य दिशा सूचक लगाने से पहले तकनीकी पहलुओं पर भी ध्यान देना चाहिए। यातायात पुलिस के अधिकारी को निर्माण से पूर्व सूचना दी जाए। ताकि यातायात पुलिस की ओर से चौराहे पर लाइनिंग के लिए किसी अधिकारी व जवान को नियुक्त किया जा सके।

इनका कहना है…

कुछेक चौराहों पर अब भी डिवाइडर लगाकर यातायात के रूट को दिशा देने की आवश्यकता है। कुछेक जगह तकनीकी खामी है जिन्हें जल्द दूर किया जाएगा।-आयुष वशिष्ठ, उप अधीक्षक (यातायात) अजमेर

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