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अजमेर

Your Honour..शायद आपने देखी है यह फिल्म, तभी सुनाया ये जबरदस्त फैसला

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अजमेरOct 05, 2018 / 04:42 pm

raktim tiwari

western railway

railway corridor

अजमेर.

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के लिए अवाप्त जमीन के मामले में उच्च न्यायालय ने संभागीय आयुक्त के पुराने फैसले को बरकरार रखते हुए जमीन का मुआवजा बाजार भाव से देने के आदेश दिए हैं।
डीएफसी कॉर्पोरेशन ने एक सम्पति का मुआवजा डीएलसी दर से 29 लाख 65 हजार 853 रुपए तय किया था जिसे संभागीय आयुक्त न्यायालय ने 2012 में बाजार दर के हिसाब से तय करने का फैसला दिया था। उच्च न्यायालय ने डीसी कोर्ट के इसी आदेश को बरकरार रखा है।
मामले से संबंधित तथ्यों के अनुसार मालगाडिय़ों के लिए अलग से बिछाई जाने वाली रेलवे लाइन के लिए भूमि अवाप्ति प्रक्रिया के तहत ब्यावर निवासी मुकुंद राठी व विष्णुकुमार राठी की भूमि और समारोह स्थल अवाप्त किया गया।
जिला प्रशासन और डीएफसीसी ने इसकी मुआवजा राशि डीएलसी दर से 29 लाख 65 हजार 853 रुपए तय किया। पक्षकार 2012 में यह मामला संभागीय आयुक्त न्यायालय में ले गए। उन्होंने मुआवजा बाजार भाव से लगभग 23 करोड़ 55 लाख 75 हजार 465 रुपए दिलाने की याचिका दायर की। डीसी कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद अवाप्तशुदा जमीन का मुआवजा बाजार दर से देने के आदेश दिए थे।
डीएफसीसी प्रबंधन ने इस फैसले को जिला एवं सेशन अदालत में चुनौती दी । जिला अदालत ने डीसी कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया। प्रभावित परिवारों की घर बचाओ संघर्ष समिति और परिवादी के वकील लेखू मंघानी ने इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
उच्च न्यायालय ने सेशन कोर्ट के फैसले को निरस्त करते हुए पूर्व में संभागीय आयुक्त न्यायालय के फैसले को बरकरार रखने एवं मुआवजा बाजार दर से भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं।

आसोज की गर्मी छुड़ाने लगी पसीने, अक्टूबर में उबल रहा पारा
आसोज में आसमान से आग बरस रही है। तेज धूप और गर्मी का बुधवार को भी असर दिखा। लोगों को सुबह से ही गर्मी ने परेशान किया। अधिकतम तापमान 36.6 डिग्री के आसपास बना हुआ है। बीते छह दिन से पारा 35 डिग्री से नीचे नहीं उतरा है।
सुबह से ही धूप में काफी तेजी हो गई। इस महीने की शुरुआत से ही सूरज के तेवर बदल गए हैं। धूप में तीखापन और गर्माहट लगातार बढ़ती जा रही है। गर्मी से बचने के लिए लोगों को मुंह पर कपड़ा लपेटकर घरों से निकलना पड़ रहा है। अक्टूबर में गुलाबी ठंडक नदारद है। जेठ और आषाढ़ की तरह पंखे और एसी चलाने पड़ रहे हैं।

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