मानसून पूर्व कचरे से डटे एस्केप चैनल की सफाई के लिए लाखों रुपए का टेण्डर होता है, नगर निगम एवं स्मार्टसिटी की ओर से ठेका दिया जाता है लेकिन हर बार बारिश व मानसून पूर्व की बारिश से ऐनवक्त पर सफाई के लिए जेसीबी, पॉकलेन मशीन उतारी जाती है, जबकि सफाई के नाम पर फोरी खानापूर्ति हो रही है। पिछले दो दिन से ब्रह्मपुरी नाले की सफाई के लिए पॉकलेन आदि लगाई गई, लेकिन नाले के नीचे मिट्टी व मलबा निकालने की बजाय पानी के बहाव से ही मलबा आगे बढ़ा दिया। अधिकांश समय पॉकलेन मशीन बाहर खड़ी रही, जबकि किराया व भुगतान पूरा करना होगा। भाजपा नेता अरविंद यादव के अनुसार ब्रह्मपुरी विकास समिति की ओर से पत्र लिखकर जिला कलक्टर व निगम प्रशासन को आपत्तियां जताई थीँ।
विकास समिति ने जताई थी आपत्तियां – आनासागर के चैनल गेट के ऊपर बहकर आते पानी के बहाव में सफाई संभव नहीं, पॉकलेन चलाने से नहीं होगा फायदा। – सफाई की खानापूर्ति, सफाई के बिल उठा लिए जाएंगे
– बारिश बढ़ने के बाद नालों की सफाई नहीं होगी। नाले की सतह से मलबा नहीं हटेगा। – 28 मई को पहली बारिश से कचरा बहा, 6 जून को पॉकलेन क्यों उतारी। —————————————————————–
एस्केप चैनल की सफाई पर संसाधन व औसत खर्चे पर एक नजर – 18 करोड़ रुपए में पूरे एस्केप चैनल की सफाई व मरम्मत का बजट। – 50 लाख रुपए सफाई के लिए प्रतिवर्ष खर्च (औसतन) ।
– 10 जेसीबी पूरे एस्केप चैनल की सफाई में लगाने का दावा। – 700 से 800 रुपए प्रति घंटा किराया जेसीबी का। – 800 से 1000 रुपए प्रति घंटा किराया पोकलेन का।
पूर्व ठेके से कटे भुगतान एस्केप चैनल की सफाई व मरम्मत निगम प्रशासन अपने स्तर पर करेगा। इसमें आनासागर-कालाबाग से लेकर 9 नंबर पेट्रोल पंप तक 18 करोड़ रुपए का ठेका दिया जा चुका है, लेकिन काम अभी तक पूरा नहीं किया गया है। अब इन नालों में दोबारा जेसीबी चलवाई जा रही है तो इसका भुगतान पूर्व ठेके से काटा जाना चाहिए।
रणजीत सिंह, पार्षद वार्ड 57 फुल प्रूफ प्लान बनना चाहिए। पूर्व ठेकेदार से पूरा काम करवाया जाए नहीं तो उससे राशि काटी जाए। हर साल बारिश से पहले सफाई के नाम पर राजस्व उठाया जाता है। बारिश शुरू होते ही काम रुक जाता है।
विपिन बैसिल, मनोनीत पार्षद स्मार्टसिटी के ठेकेदार को क्षेत्रवासियों की ओर से ब्रह्मपुरी क्षेत्र के नाले की सफाई नहीं करने दी जा रही है, इसलिए नगर निगम सफाई करवा रही है। रूपाराम चौधरी, सफाई प्रभारी, नगर निगम