केस-1 लिप्तता उजागर, दो हैडकांस्टेबल लाइन हाजिर
अजमेर जिले में जुए-सट्टे के अवैध धंधे के संरक्षण की जिम्मेदारी बीते कुछेक माह से वर्दीधारी ने संभाल रखी है। मामला डीआईजी (अजमेर रेंज) ओमप्रकाश तक पहुंचा तो उन्होंने विशेष टीम गठित कर किशनगढ़ फरासिया फाटक के पास रेस्टोरेंट में दबिश दी। दबिश में अलवर गेट थाने के हिस्ट्रीशीटर हेमराज खटीक, पूर्व पार्षद निर्मल बेरवाल, रफीक उर्फ नन्ना समेत 31 जनों को जुआ खेलते पकड़ने के साथ ही 13.95 लाख की रकम जब्त की। दो दिन बाद जुआ खिलाने के मास्टर माइंड प्रकाश रोड निवासी अमित खंडेलवाल से एक लाख 76 हजार रुपए बरामद किए।
मास्टर माइंड से खुलासा
अमित खंडेलवाल की गिरफ्तारी के बाद जिला स्पेशल टीम के हैडकांस्टेबल देवेन्द्र सिंह और आशीष गहलोत की लिप्तता सामने आई। उनके नाम सामने आने पर पुलिस के आलाधिकारी भी दंग रह गए। डीआईजी के आदेश पर एसपी वंदिता राणा ने दोनों को लाइन हाजिर कर दिया। हालांकि मामले में जांच की औपचारिकता शेष है।
केस-2 देर रात फड़ पर दबिश, छोड़ा
जुए की दूसरी बड़ी कार्रवाई अजमेर शहर के परकोटा क्षेत्र में अंजाम दी गई। देर रात गेस्ट हाउस में दी गई दबिश कामयाब भी रही लेकिन बड़ी संख्या में मौजूद सफेदपोश लोगों ने कार्रवाई में शामिल पुलिस अधिकारी और जवानों को जुए में मिली रकम से ज्यादा का लालच देकर मैनेज कर लिया। देर रात हुई कार्रवाई की किसी को कानों-कान तक भनक नहीं लगी। लेकिन पुलिस कार्रवाई को मुखबिर से लेकर गेस्ट हाउस के अन्दर और बाहर बैठे सैकड़ों लोगों ने देखा। मामला आलाधिकारी के जरिए पुलिस कप्तान तक भी पहुंच गया। प्रकरण में फिलहाल जांच की जा रही है।
चार से 14 लाख तक
पुलिस के अन्दरखाने की चर्चा में कार्रवाई में करीब 14 लाख तक की रकम पकड़ी थी। लेकिन मामला उजागर होने पर रकम 4 लाख पर सिमट गई। पुलिस में चर्चा यहां तक कि जुए की कार्रवाई नहीं करने की एवज में जुए में दांव पर लगी रकम के अलावा प्रति व्यक्ति अलग से रकम मुहैया करवाई गई।
इनका कहना है…
मैं दो दिन से छुट्टी पर हूं। हैडकांस्टेबल देवेन्द्र सिंह व आशीष को लाइन जाहिर किया गया है। दीपक शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अजमेर ग्रामीण इनका कहना है…किशनगढ़ में जुए की फड़ संचालन की कार्रवाई में दो पुलिसकर्मियों की लिप्तता सामने आने पर लाइन जाहिर करने के आदेश दिए थे। ओमप्रकाश, डीआईजी अजमेर रेंज