अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे पर गिरिराज सिंह ने कह दी बड़ी बात, नेहरू का भी किया जिक्र; जानिए क्या कहा
अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वेक्षण का विरोध करने वालों पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वे इसे दूसरा संभल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा नहीं होगा।
अजमेर। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वेक्षण का विरोध करने वालों पर निशाना साधा और इसे दूसरा संभल बनाने की कोशिश करार दिया। गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने इसे कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति बताते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा हालात के लिए जिम्मेदार कांग्रेसी ही है।
गिरिराज सिंह ने नेहरू का जिक्र कर कांग्रेस पर साधा निशाना
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि अजमेर में कोर्ट ने सर्वेक्षण का निर्देश दिया। अगर किसी हिंदू ने याचिका दायर की है और कोर्ट ने सर्वेक्षण का आदेश दिया है, तो इसमें क्या दिक्कत है? मंत्री ने कहा- “मुगलों ने हमारे मंदिर तोड़ दिए। अब आप पूछेंगे कि आप कितनी मस्जिदों के साथ ऐसा करेंगे? मैं कहूंगा कि कांग्रेस ने अब तक सिर्फ तुष्टीकरण किया है। अगर नेहरू ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने का यह अभियान बंद कर दिया होता, तो आज हम कोर्ट जाने की स्थिति में नहीं होते। इसी वजह से याचिका दायर की गई और कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया। सर्वेक्षण का आदेश कानून के मुताबिक दिया गया है, लेकिन वे इसे दूसरा संभल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा नहीं होगा।”
सपा सांसद बोले- पीएम मोदी खुद अजमेर शरीफ दरगाह पर ‘चादर’ भेजते हैं
इससे पहले, समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा निचली अदालतों में बैठे जज देश को आग में झोंकना चाहते हैं। अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वेक्षण मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए यादव ने कहा, “(निचली अदालतों में) जिस तरह के जज बैठे हैं, वे देश को आग में झोंकना चाहते हैं। इसका कोई मतलब नहीं है। पीएम नरेंद्र मोदी खुद अजमेर शरीफ दरगाह पर ‘चादर’ भेजते हैं। देश भर से और पूरी दुनिया से लोग अजमेर शरीफ आते हैं। उस स्थान को विवाद में डालना बहुत ही घृणित और ओछी मानसिकता को दर्शाता है। इतना ही नहीं, भाजपा समर्थित लोग सत्ता में बने रहने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उन्हें परवाह नहीं है कि देश आग में झुलस जाए। उन्हें बस सत्ता चाहिए।”
कोर्ट ने स्वीकार की हिंदू पक्ष की याचिका
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए हिंदू पक्ष ने अजमेर सिविल न्यायालय पश्चिम में याचिका दायर की। बुधवार 27 नवंबर को कोर्ट ने दरगाह में मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका को स्वीकार किया और इससे संबंधित अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस देकर पक्ष रखने को भी कहा है। इस मामले में कोर्ट 20 दिसंबर को अगली सुनवाई करेगी।