अजमेर में पहली बार वीवीपेट मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसकी खासियत यह है कि जब वोटर अपना वोट डालने के लिए बटन दबाएगा तो उसे 7 सैकंड तक इलेक्ट्रॉनिक पर्ची के जरिए यह पता चल पाएगा कि उसने उसी पार्टी के चुनाव चिह्न को वोट दिया है जिसे वह देना चाहता है। यह पर्ची बाहर नहीं आएगी।
उपचुनाव को लेकर 26 व 27 दिसम्बर को दिल्ली में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें बतौर आरओ जिला कलक्टर गौरव गोयल, एआरओ के रूप में एडीए प्रथम कैलाश चन्द्र शर्मा तथा एसडीएम मसूदा सुरेश चावला शामिल होंगे। जबकि ईवीएम की ट्रेनिंग के लिए जिला परिषद के एसीईओ भगवत सिंह राठौड़ दिल्ली जाएंगे।
प्रशासन भले ही ईवीएम और वीवीपेट मशीन लाने की तैयारियों में जुटा है, लेकिन चुनाव आयोग ने अब तक उप चुनाव की तिथियां घोषित नहीं की है। दिवंगत सांसद प्रो. सांवरलाल जाट की मृत्य अगस्त में हुई थी। नियमानुसार विधानसभा अथवा लोकसभा सदस्य की मृत्यु अथवा अन्य कारण से सीट रिक्त होने पर छह महीने के भीतर चुनाव कराए जाते हैं।