प्रबन्ध निदेशक वी.एस. भाटी ने अभियंताओं को इस वर्ष 105 प्रतिशत राजस्व वसूली का लक्ष्य दिया है। कोरोना महामारी के कारण निगम की राजस्व वसूली सर्वाधिक प्रभावित है। मार्च 2020 में बकाया राशि 826.65 करोड़ थी जो दिसम्बर 2020 में बढ़कर 1278 करोड़ 06.81 लाख पहुंच गई। इनमें नियमित उपभोक्ताओं पर बकाया 925.3 करोड़ तथा स्थाई रूप से कटे विद्युत कनेक्शन के पेटे 3527.140 करोड़ का बकाया है। निगम का रेवन्यू रियलाइजेशन भी पिछले साल की तुलना में दिसम्बर 2020 तक बराबर है। जबकि इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते राजस्व वसूली में निगम को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। निगम ने मार्च 2020 की तुलना में दिसम्बर 2020 तक छीज में 2.93 प्रतिशत की कमी दर्ज की है।
एमडी ने अधिक छीजत वाले दो जिले स्वयं लिए
निगम के प्रबन्ध निदेशक ने राजस्व बढ़ाने तथा छीजत lowest level में कमी लाने के लिए मुख्यायाल के अधिकारियों को भी फील्ड में उतारते हुए जिले गोद दिए हैं। प्रबन्ध निदेशक ने खुद सर्वाधिक छीजत वाले नागौर व झुंझुनूं जिले गोद लिए हैं। जबकि निगम के तकनीक ी निदेशक को बांसवाड़ा तथा निदेशक (वित्त) को सीकर का जिम्मा दिया दिया है।
यह है छीजत का हाल
अजमेर डिस्कॉम के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में गत वर्ष की तुलना में दिसम्बर 2020 तक 0.70 प्रतिशत छीजत में कमी दर्ज की गई है। जबकि मार्च 2020 से दिसम्बर 2020 की तुलना में छीजत मे 2.93 प्रतिशत की कमी आई है।
इसके तहत सर्वाधिक छीजत नागौर मे 4.98 प्रतिशत व झुंझुनूं में 3.53 प्रतिशत कम हुई है। नागौर में छीजत 32.37 प्रतिशत से घटकर 27.29 प्रतिशत पर आ गई। जबकि झुंझुनूं की छीजत 18.74 की तुलना में घटकर 15.21 प्रतिशत है। निगम के तहत आने वाले राजसमन्द जिले में ही 0.84 प्रतिशत छीजत में बढ़ोतरी हुई है। जिससे डिस्कॉम ने मार्च 2020 से दिसम्बर 2020 तक 2.42 प्रतिशत छीजत कम की है।
यहां छीजत सबसे कम
अजमेर सिटी सर्किल की छीजत मार्च 2020 की तुलना में दिसम्बर 2020 में 7.11 रही। इसी तरह अजमेर जिला 8.44, भीलवाड़ा 7.89, डूंगरपुर 2.13, चितौडगढ़़ 8.80, प्रता$ग 1.05, राजसमन्द 9.45, उदयपुर 9.63 प्रतिशत छीजत दर्ज की गई है। निगम के तहत आने वाले 6 जिले ही हैं जिनकी छीजत दो अंकों में है।