इस दौरान बड़े पैमानी पर खामियां नजर आई। जिला कलक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए खामियों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। कलक्टर के निरीक्षणमें सामने आया कि उपभोक्ताओं की शिकायत की मॉनेटरिंग करने वाला कोई नहीं है। शिकायत निवारण का टाईम निर्धारित नहीं है। फीडबैक सौ फीसदी नहीं है। फाल्स क्लोजर है, गलत हेड में शिकायतें दर्ज हो रही है। हायर अथॉरिटी को पता ही नहीं क्या हो रहा है। सेटिसफेक्शन है या नही क्लोजर कर रहे है। कितनी शिकायतें आई इनका क्या हुआ कोई देखने वाला ही नहीं है।
चार घंटा हो गया अभी तक टीम नहीं पहुंची
कलक्टर की पड़ताल में सामने आया कि मेयो कॉलेज सब डिवीजन की उपभोक्ता मीना चौहान ने सुबह 8 बजे शिकायत दर्ज करवाई थी लेकिन टाटा पावर की टीम 12 बजे भी नहीं पहुंच सकी। कलक्टर ने मामले में तुरंत कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि महिला की शिकायत है चार घंटे हो गए अब तक काम क्यों नहीं हुआ। यह कैसे पता चलेगा कि टीम किस टाइम पर पहुंची।
बात नहीं हुई तो सैटिसफाई क्यों लिखा
कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें जिनमें उपभोक्ताओं ने शिकायत तो दर्ज करवा दी लेकिन बिना उपभोक्ता से बात किए और बिना उसने संतुष्ट हुए ही टाटा पावर के कार्मिकों ने उपभोक्ता को संतुष्ट मानते हुए शिकायत बंद कर दी। जिला कलक्टर ने कहा कि यदि उपभोक्ता ने फोन नहीं उठाया,उसे पता ही नहीं कि काम हो गया तो आपने खुद ही सैटिसफाइड कैसे लिख दिया। कलक्टर ने टाटा के कार्मिकों से पूछा की जल्दी में काम क्यों किया जा रहा है। इस पर टाटा पावर के कार्मिक बगलें झांकते नजर आए। कलक्टर ने कहा कि उपभोक्ता फोन नहीं उठा रहा है तो एमएमएस भेजो। जवाब किससे ले रहे हो टीओ से या कंज्यूमर से।
फाल्स क्लोजर और रॉंग असाइनमेंट हो रहा एक शिकायत के मामले में सामने आया कि टाटा पावर की टीम मौके पर पहुंची तो उपभोक्ता को बताया गया कि उसकी समस्या वोल्टेज की नहीं मेंटीनेंस की है और शिकायत क्लोज कर दी गई। कलक्टर ने कहा कि कंज्यूमर लो वोल्टेज से जूझ रहा है आप शिकायत क्लोज कर रहे हो। मेंटीनेंस की टीम भेजने की जिम्मेदारी किसकी है । फाल्स क्लोजर और रॉंग असाइनमेंट हो रहा है डोंट डू दिस। फाल्स क्लोजर हो रहा है यह नहीं चलेगा। आप पता करो मेंटीनेंस का अपनी टीम से। आज भी कंज्यूमर फ्रस्टेट हो रहा है।
उपभोक्ता ने कहा कि पोल हिल रहा है,टाटा ने कहा नहीं गिरेगा एक उपभोक्ता ने पोल हिलने तथा कभी भी हादसा होने की शिकायत दर्ज करवाई। जब कलक्टर ने उपभोक्ता से बात की तो उसने बताया कि टाटा की टीम आई थी लेकिन कहा कि खंभा हिल रहा है लेकिन गिरेगा नहीं। कलक्टर ने कहा कि यह क्या जवाब है, पोल ठीक करवाओ। एक अन्य मामले की पड़ताल में कलक्टर ने कहा कि उपभोक्ता कह रहा है कि मीटर में स्पार्र्किंग हो रही है जबकि टाटा पावर कह रहा है कि घर में बिजली आ रही है यह क्या लिंक है।
मॉनेटरिंग कौन करता है पता नहीं
कलक्टर ने कहा कि सैप में काम आसान होगा लेकिन यहां ऐसा नजर नहीं आ रहा है। सॉफ्टवेयर में अलग लिखा है मेंटीनेंस टीम का लेकिन यहां पर टीम तो एक ही है। मॉनेटरिंग कौन करता है, टीओ कौन है, लीड कौन करता है। यदि एईएन काम नही करता तो उसके ऊपर क्या अथॉरिटी है। कॉलसेंटर की सेंट्रलाइज मॉनेटरिंग नहीं हो रही है। इस पर टाटा पावर के कार्मिकों को जवाब नहीं सूझा। एसई मुकेश ठाकुर ने कहा कि निगम के सॉफ्टवेयर में यह प्रावधान था कि यदि शिकायत का निस्तार नहीं हुआ तो यह अपने आप ही उच्चाधिकारियों तक पहुंच जाती थी लेकिन टाटा के पास ऐसी व्यवस्था नहीं है।
नहीं मान रहे कलक्टर के निर्देश
भीषण गर्मी को देखते हुए जिला कलक्टर ने जिले में सुबह 10 बजे तक ही शट डाउन लेने के निर्देश जारी कर रखे हैं लेकिन टाटा पावर 12 बजे तक शट डाउन ले रहा है। जिला कलक्टर ने टाटा पावर के कार्मिक आलोक श्रीवास्तव से पूछा कि जब बिजली कटौती के डायरेक्शन 10 बजे तक है तो 12 बजे तक बिजली बंद क्यों की जा रही है। इस पर श्रीवास्तव को जवाब नहीं सूझा।
इनके सॉफ्टवेयर में कमी है। फाल्स क्लोजर हो रहे है, एक्चुअल निस्तारण नहीं हो रहा है। कैटगराइजेशन गलत है। शिकायत के लिए फोन किया तो पता चला शटडाउन है। निर्देशों की पालना नहीं कर रहे हैं। दो दिन पहले भी इन्हे बुलाया था। बिजली-पानी के मामले में ध्यान नहीं देंगे तो हमें इनवोल्व होना पड़ेगा।आरती डोगरा, जिला कलक्टर अजमेर