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अहमदाबाद

वडोदरा : स्वयंभू प्रकट हुए थे यवतेश्वर महादेव

विश्वामित्री नदी के किनारे पर तत्कालीन दीवान रावजी ने बनवाया था मंदिर

अहमदाबादAug 18, 2019 / 11:27 pm

Gyan Prakash Sharma

Yavateshwar Mahadev

Yavateshwar Mahadev

वडोदरा. सावन महीने के दौरान भगवान भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व होता है। प्रसिद्ध शिवालयों के साथ-साथ छोटे-बड़े शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ रहती है। प्रसिद्ध शिवालयों वडोदरा के यवतेश्वर महादेव मंदिर भी शामिल हैं। बताया जाता है स्वयंभू प्रकट हुए यवतेश्वर महादेव का मंदिर वर्ष १७९७ में बनाया गया था। शहर के जेल रोड पर पंचमुखी महादेव के सामने विश्वामित्री नदी के किनारे स्थित यवतेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण तत्कालीन दीवान रावजी आप्पाजी फणसे ने कराया था।
पौराणिक कथाओं के अनुसार फणसे ने शहर के कोठी कार्यालय के निकट सूर्य नारायण भगवान का मंदिर बनवाया था। शिवजी के भक्त फणसे ने कुलदेव सतारा के पास डूंगर पर स्वयंभू यवतेश्वर महादेव थे, जिसके कारण कुलदेव की याद में उन्होंने यवतेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण कराया था।
बताया जाता है कि वडोदरा से ५० माइल दूर शूलपाणेश्वर के मार्ग पर जंगल था, जिसके एक पेड़ के नीचे स्वयंभू शिवलिंग होने का सपना फणसे को आया था। ऐसे में शिवलिंग को जमीन से निकालने की कोशिक की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। ऐसे में रावजी ने वडोदरा के तत्कालीन महाराजा गोविंदराव गायकवाड़ को घटना की जानकारी दी। इसके बाद गायकवाड़ सरकार की मदद से शिवलिंग बाहर निकाला गया और विश्वामित्री नदी के किनारे पर स्थापित किया गया था।
इतिहासकार हर्षद दवे के अनुसार सन १७९७ में मंदिर का निर्माणकार्य शुरू किया गया, जो तीन वर्ष में पूरा हुआ था। यवतेश्वर महादेव मंदिर के निकट गगनचुंबी दीवमाला तैयार कराई गई थी। उस समय बिजली के उपकरण नहीं थे। ऐसे में दीपमाला के आले (गोख) में दीपक रखकर प्रज्जवलित किया जाता था।

समय-समय पर होता रहा मरम्मत कार्य
मंदिर का मरम्मत कार्य समय-समय पर होता रहा है। निर्माण के १७८ वर्ष बाद १९७५ में वडोदरा के तत्कालीन कलक्टर के. पी. याज्ञिक के मार्गदर्शन में मंदिर का मरम्मत कार्य कराया गया था। उस समय फणसे के परिवार के सदस्य अमृतराव एवं भालचंद्र भणसे का भी सहयोग रहा था। मंदिर में वर्ष १९९२ में तत्कालीन कलक्टर तपन की उपस्थिति में श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित की गई थी। इसके बाद तत्कालीन कलक्टर राजीव गुप्ता के मार्गदर्शन में वर्ष १९९७ में मंदिर का देवस्थान ट्रस्ट की ओर से जीर्णोद्धार किया गया था।

मंदिर की स्थिति अच्छी
मंदिर प्राचीन होने के बावजूद स्थिति अच्छी है, क्योंकि सरकार की ओर से इसका ध्यान रखा गया।
भोगीलाल दवे- पुजारी, यवतेश्वर महादेव मंदिर वडोदरा।

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