सोमनाथ व दक्षिण भारत के मंदिर देते हैं ज्ञान सोमनाथ से वे दक्षिण भारत के मद्रास (वर्तमान में चेन्नई) पहुंचे थे। वहां उन्होंने एक प्रवचन में कहा था कि सोमनाथ व दक्षिण भारत के मंदिर हमें ऐसा ज्ञान देते हैं जो ज्ञान हमें हजारों पुस्तकें पढऩे से भी नहीं मिलता, हमें ऐसी अंतर्दृष्टि देते हैं।
सोमनाथ मंदिर के समीप भव्य भारत व बनने का चिंतन व की गई कल्पना और सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का स्वप्न देखा था। सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण होने के साथ ही इतिहास बना उनका स्वप्न पूरा हुआ है।
संग्रहालय में उपलब्ध हो स्मृति चित्र स्वामी विवेकानंद की आत्मकथा में पढ़ा कि वे सोमनाथ पहुंचकर मंदिर को खंडित देखकर एक शिला पर बैठकर काफी दु:खी हुए थे। उस ऐतिहासिक जीवनस्मृति का बड़ा चित्र जिसमें स्वामी विवेकानंद उस समय के सोमनाथ मंदिर के समीप एक शिला पर ध्यान मग्न होकर बैठे होंं और पीछे समुद्र दिखाई दे, ऐसा चित्र बनवाकर सोमनाथ में लगवाने की इच्छा है। स्वामी विवेकानंद का स्मृति चित्र सोमनाथ संग्रहालय में लोगों के लिए उपलब्ध करवाने की भी इच्छा है।
– जे.डी. परमार, ट्रस्टी, सोमनाथ ट्रस्ट।