पीएम मोदी ने शिला पट्टिका का अनावरण कर ‘विकसित भारत, विकसित गुजरात’ के संकल्प को साकार करने वाले और देवभूमि द्वारका जिले सहित गुजरात की विशिष्ट पहचान बनने वाले इस सुदर्शन सेतु को आम जनता के लिए खोला।
भगवान द्वारकाधीश की भूमि के सर्वांगीण विकास की गति को तेजी देने वाले सुदर्शन सेतु के थ्री-डी मॉडल को देखकर पीएम मोदी ने विस्तृत जानकारी हासिल की।
सुदर्शन सेतु के निर्माण से देवभूमि द्वारका जिले की उपलब्धियों के मुकुट में एक और मोरपंख जुड़ गया है। पर्यटन विकास के माध्यम से बेट-द्वारका और ओखा में रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा तथा गरीब और मध्यम वर्ग के लिए आर्थिक उन्नति का मार्ग खुलेगा।
सुदर्शन सेतु के कारण स्थानीय लोगों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों का समय बचने के साथ-साथ सुविधाओं में वृद्धि भी होगी। इस अवसर पर बेट द्वारका में सुदर्शन ब्रिज के लोकार्पण अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष रिद्धिबा जाडेजा, विधायक पबुभा माणेक, केंद्रीय सड़क परिवहनऔर राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के विशेष सचिव पी.आर. पाटेलिया और युवा सेवा एवं सांस्कृतिक गतिविधियां विभाग के आयुक्त आलोक पांडे भी मौजूद थे।
सुदर्शन सेतु की विशेषताएं : ब्रिज की लंबाई 2320 मीटर है, जिसमें 900 मीटर केबल स्टेड का हिस्सा है।
ब्रिज के मुख्य स्पैन के दोनों पाइलॉन (बड़े खंभों) पर 20 गुणा 12 मीटर आकार के 4 मोर पंखों को आकर्षक तरीके से उकेरा गया है।
ओखा की तरफ साइड एप्रोच ब्रिज की लंबाई 370 मीटर और बेट द्वारका की तरफ के साइड एप्रोच ब्रिज की लंबाई 650 मीटर है।
ब्रिज के मुख्य हिस्से में 130 मीटर ऊंचाई वाले दो पाइलॉन हैं।
फोरलेन ब्रिज की चौड़ाई 27.20 मीटर है, जिसमें दोनों तरफ 2.50 मीटर के फुटपाथ बनाए गए हैं।फुटपाथ की तरफ कार्विंग पत्थरों पर नक्काशी का काम कर भगवत गीता के श्लोक तथा भगवान श्री कृष्ण के जीवन को दर्शाया गया है।
फुटपाथ पर लगाए गए सोलर पैनल से 1 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिसका उपयोग ब्रिज पर लगाई गई लाइटिंग में होगा।
ब्रिज के 12 स्थानों पर पर्यटकों के लिए व्यूइंग गैलेरी बनाई गई है, जहां खड़े होकर लोग अथाह नीले समुद्र को निहारने का आनंद उठा सकते हैं।
इस आईकॉनिक ब्रिज को रंग-बिरंगी और आकर्षक लाइटों से सजाया गया है, जिससे रात के वक्त इस ब्रिज की अनुपम छटा देखने के लायक होगी।