यह आईडी बनने के बाद प्री प्राइमरी से लेकर आठवीं (जूनियर केजी से लेकर आठवीं) तक के विद्यार्थियों की अपार आईडी बनाई जाएगी। केन्द्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से पूरे देश में इस प्रोजेक्ट को लागू किया जा रहा है। इसके लिए समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर को राज्य का नोडल अधिकारी बनाया गया है। जिलों में सभी जिला शिक्षा अधिकारी नोडल ऑफिसर बनाए गे हैं।
अभिभावकों से लेनी होगी स्वीकृति
अहमदाबाद शहर के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) की ओर से गुरुवार को शहर के सभी स्कूलों के प्राचार्यों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें उन्हें बताया गया है कि हर विद्यार्थी की अपार आईडी बनेगी, इसके लिए उन्हें अभिभावकों से इसके लिए उनके नाम, पता, आयु, जन्मतिथि, फोटो के शैक्षणिक व संबंधित कार्यों के लिए उपयोग करने की लिखित में स्वीकृति लेनी होगी। इसके लाभ बताने के लिए उन्हें अभिभावकों के साथ बैठक भी करनी होगी।
विद्यार्थियों का अकादमिक-खेलकूद का होगा रेकॉर्ड
अपार आईडी में विद्यार्थी की शैक्षणिक (अकादमिक) और खेलकूद से जुड़ी सिद्धि का पूरा रेकॉर्ड होगा। इसे डीजी लॉकर सिस्टम का गेटवे बनाया जा रहा है। इसमें विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम, हॉलिस्टिक रिपोर्टकार्ड, खेलकूद, ओलंपियाड, कौशल का रिपोर्ट का डाटा मिलेगा। यह भविष्य में उसके रोजगार और उच्च शिक्षा में मददगार होगा।
आधार नंबर से जनरेट होगी अपर आईडी
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत वर्ष 2030 तक प्री प्राइमरी से माध्यमिक तक में ग्रोस एनरोलमेंट रेशियो 100 प्रतिशत करना है। इसके लिए 2021-22 में यूडायस मॉड्यूल लागू किया। अब इसे आगे बढ़ाते हुए अपार आईडी बनाया जा रहा है। इसे आधार नंबर से जनरेट किया जाएगा। इसे शिक्षा व संबंधित मामलों के लिए अन्य विभागों के साथ साझा किया जाएगा। जिससे आधार नंबर के ऑथेंटिकेशन, वेरिफिकेशन की मंजूरी भी अभिभावकों से ली जाएगी।