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अहमदाबाद, भावनगर, जामनगर और राजकोट के अस्पताल में जल्द खुलेगी मदर मिल्क बैंक

विश्व स्तनपान सप्ताह पर विशेष: गुजरात की चार मदर मिल्क बैंक में अब तक 15,820 माताओं ने दूध का दान किया है। इससे स्तनपान में असमर्थ 12403 नवजात शिशुओं को लाभ मिला।

अहमदाबादAug 03, 2024 / 10:46 pm

nagendra singh rathore

गुजरात सरकार जल्द ही अहमदाबाद, भावनगर, जामनगर और राजकोट के अस्पताल में भी मदर मिल्क बैंक की शुरुआत करने जा रही है। इसकी मंजूरी भी मिल गई है। इससे उन नवजात शिशुओं को राहत मिलेगी जो जन्म के बाद स्वास्थ्य कारणों के चलते स्तनपान करने में असमर्थ होते हैं। इन बच्चों को भी अन्य बच्चों की तरह मां का पोषण से भरपूर अमृत रूपी दूध उपलब्ध हो सकेगा। राज्य में अभी चार शहरों सूरत, गांधीनगर, वडोदरा और वलसाड के सरकारी अस्पतालों में मदर मिल्क बैंक कार्यरत है। इसके जरिए अब तक 12403 बच्चों को पोषणयुक्त दूध उपलब्ध हुआ है। 15820 माताओं ने इस अनूठे प्रयास में दूध का दान दिया है। हर साल एक से सात अगस्त को विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है।
गुजरात राज्य में हर साल लगभग 13 लाख बच्चे पैदा होते हैं, जिनमें से लगभग 1.30 लाख बच्चे समय से पहले पैदा होते हैं और 18.5 प्रतिशत बच्चे कम वजन के जन्म लेते हैं। ये सभी बच्चे विकास की दृष्टि से कमजोर हैं, जिससे वे अपनी चिकित्सीय स्थितियों के कारण सीधे स्तन के दूध का सेवन नहीं कर सकते। ऐसे बच्चों के लिए दूसरी मां का दूध अमृत के समान होता है।
राज्य के नवजात शिशुओं को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने तथा शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए राज्य सरकार के सहयोग से 4 सरकारी अस्पताल में ‘ह्यूमन मिल्क बैंक’ (मदर मिल्क बैंक) कार्यरत हैं। यह बैंक कई नवजात बच्चों के लिए पोषण का पर्याय बन रहे हैं। इस मदर बैंक में माताएं अपना दूध दान करती हैं, जिसे जरूरतमंद बच्चों को दिया जाता है। मेडिकल जांच करने के बाद ही दूध को दान में लिया जाता है।

गांधीनगर में 3 साल में 415 माताओं ने दान किया 1020 लीटर दूध

गुजरात की राजधानी गांधीनगर में स्थित गांधीनगर सिविल अस्पताल में वर्ष 2021 से मदर मिल्क बैंक कार्यरत है। इस बैंक में अब तक कुल 415 माताएं अपना दूध दान कर चुकी हैं। इस दूध से 449 बच्चों को नई जिंदगी मिली है। बीते तीन वर्षों में इस बैंक में 1,020 लीटर दूध दान के जरिए एकत्र किया गया है।भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के के तहत सूरत, वडोदरा, वलसाड, गांधीनगर में एनएचएम के तहत यह मिल्क बैंक कार्यरत हैं। वर्ष 2023-24 में अहमदाबाद, भावनगर, जामनगर और राजकोट में चार नए अस्पतालों में मदर मिल्क बैंक शुरू करने की सरकार ने अनुमति दी है।

डीप-फ्रिज में -18 से -20 डिग्री पर छह माह तक संग्रह

दान किए गए माता के दूध को पॉश्चुरीकृत किया जाता है। तेजी से ठंडा करने के बाद दूध के नमूने को माइक्रोबायोलॉजी विभाग को रिपोर्ट के लिए भेजा जाता है। दूध की रिपोर्ट सामान्य आने के बाद इसे डीप-फ्रिज में -18 से -20 डिग्री पर स्टोर किया जाता है। 125 एमएल की एक बोतल में आमतौर पर तीन माताओं का दूध मिलाया जाता है। यह छह महीने तक सुरक्षित रहता है। बैंक में समय से पहले जन्मे बच्चे जिनका वजन 1 किलो 800 ग्राम से कम होता है, जो बच्चा किसी बीमारी के कारण आईसीयू में भर्ती है और मां अस्पताल पहुंचने में असमर्थ है ऐसे बच्चों को उपलब्ध कराया जाता है।

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