उन्होंने कहा कि पोलिसी ड्रीवन स्टेट, बेहतर बुनियादी सुविधाएं और सर्वग्राही विकास के साथ प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत, ‘मेक इन इंडियाÓ के सपने को साकार करने के लिए देश-विदेश के निवेशकों को गुजरात में आकर्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मौजूदा समय में गुजरात की चर्चा और तुलना विश्व के विकसित देशों के साथ होती है। देश का सबसे ज्यादा विदेशी पूंजी निवेश अर्थात 37 फीसदी एफडीआई सिर्फ गुजरात ने हासिल किया है। इंजीनियरिंग, ओटो पार्ट्स, टेक्सटाइल, फार्मास्युटिकल, केमिकल तथा जेम एंड ज्वेलरी क्षेत्र में गुजरात आगे हैं। उन्होंने कहा कि 1600 किलोमीटर लम्बे समुद्री किनारे गुजरात का एक बड़े और 48 नॉन मेजर (छोटे- बड़े) बंदरगाहों के कारण मध्य-पूर्वीय, अफ्रीका और यूरोप से समुद्री व्यापार का गेटवे बना है।
पटेल ने यह साफ किया कि गुजरात निवेश का सर्वश्रेष्ठ विकल्प बना है उसमें विशेष निवेश क्षेत्र (एसआईआर-सर) का योगदान महत्वपूर्ण रहा है।
पटेल ने धोलेरा एसआईआर ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट की विशेषताओं की जानकारी देते हुए कहा कि 920 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में आकार लेने वाला यह प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (डीएमआईसी) के एक हिस्से के रूप में तथा नेक्स्ट जनरेशन टेक्नोलॉजी से सुसज्जित स्टेट ऑफ दी आर्ट फैसेलिटी युक्त सुनियोजित शहर बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धोलेरा एसआईआर में एयरोस्पेस, डिफेंस, इंजीनियरिंग, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा रिन्यूएबल एनर्जी सहित अनेक क्षेत्रों के लिए संभावनाएं हैं। अभी राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग के साथ जुड़े धोलेरा के निकट भविष्य में अहमदाबाद के साथ एक्सप्रेस वे के जरिए जुडऩे की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धोलेरा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का काम भी शुरू हो गया है।