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अहमदाबाद

नोटबंदी, जीएसटी बाद की आर्थिक मंदी के बावजूद आईआईएम-ए का रुतबा बरकरार

पीजीपीएम में दो सालों से लगातार बढ़ा घरेलू पैकेज, पीजीपीएक्स में भी 2017 के मुकाबले, 2018 में इजाफा

अहमदाबादMay 22, 2019 / 03:43 pm

nagendra singh rathore

IIM Ahmedabad

नोटबंदी, जीएसटी बाद की आर्थिक मंदी के बावजूद आईआईएम-ए का रुतबा बरकरार

नगेन्द्र सिंह

अहमदाबाद. देश में नोटबंदी, जीएसटी लागू होने के बाद आई आर्थिक मंदी के बावजूद भी भारतीय प्रबंध संस्थान-अहमदाबाद (आईआईएम-ए) का रुतबा बरकरार है। संस्थान से प्रबंधन के गुर सीखने वालों के लिए कंपनियों ने अपनी तिजोरी बखूबी खोली।
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2016 में नोटबंदी और इसके बाद वर्ष 2017 में जीएसटी लागू होने के बावजूद वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में आईआईएम-ए के विद्यार्थियों के सालाना वेतन पैकेज में वृद्धि देखी गई।
संस्थान के मुख्य पाठ्यक्रम-पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (पीजीपीएम) में जहां लगातार दो सालों से वृद्धि रिकॉर्ड की गई है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट फॉर एक्जीक्यूटिव (पीजीपीएक्स) में 2016 के मुकाबले 2017 में थोड़ी कमी जबकि वर्ष 2017 के मुकाबले 2018 में वृद्धि देखी गई।
आईआईएम-ए की इंडियन प्लेसमेंट रिपोर्टिंग स्टैण्डर्ड (आईपीआरएस) की सालाना रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आए हैं।
वर्ष 2018 की फाइनल आईपीआरएस रिपोर्ट के तहत पीजीपी-एम में अधिकतम वेतन का ऑफर 72 लाख रुपए दिया गया। जो गत वर्ष 2017 में ऑफर किए गए 53 लाख रुपए की तुलना में 19 लाख अधिक है। वेतन ऑफर में करीब 35.84 फीसदी की वृद्धि देखी गई।
वर्ष 2017 में न्यूनतम वेतन जहां 9 लाख था, वो वर्ष 2018 में बढकऱ 13.69 लाख रुपए सालाना ऑफर किया गया, जो 52.11 फीसदी अधिक है। वहीं इंटरनेशनल पैकेज में गिरावट देखी गई। 2018 में अधिकतम वेतन 99172 डॉलर ऑफर किया गया, जो वर्ष 2017 में 127275 डॉलर था।
इसी प्रकार से पीजीपीएक्स के विद्यार्थियों को वर्ष 2018 में अधिकतम 54.60 लाख रुपए सालाना वेतन ऑफर मिला। जबकि वर्ष 2017 में अधिकतम वेतन ऑफर 43 लाख रुपए वार्षिक का पैकेज था। 2018 में न्यूनतम वेतन 18 लाख रहा, जो वर्ष 2017 में 15.60 लाख रुपए था।
कृषि एवं खाद्य क्षेत्र से जुड़े पीजीपी फूड एंड एग्री बिजनेस मैनेजमेंट (पीजीपी-एफएबीएम) कोर्स के विद्यार्थियों के ऑफर में वर्ष 2017 के मुकाबले 2018 में नोटबंदी, जीएसटी बाद आर्थिक मंदी का असर देखने को मिला। वर्ष 2017 में अधिकतम वेतन ऑफर 27 लाख रुपए था, जो वर्ष 2018 में घटकर 26 लाख रह गया। वर्ष 2016 में 27 लाख ही वेतन पैकेज था।
‘आईआईएमए अपने छात्रों को उद्योगों में व्यापक अवसर प्रदान करने का प्रयास करता है। अनूठी क्लस्टर-कोहोट्र्स प्रणाली इसमें मददगार है। बीते वर्षों में विद्यार्थियों के सालाना औसत वेतन पैकेज में लगातार वृद्धि संस्थान के इन प्रोग्रामों (कोर्स) और उनके विद्यार्थियों की गुणवत्ता को दर्शाता है। पीजीपी 2017-19 बैच के लिए भी फरवरी-१९ में फाइनल प्लेसमेंट हुए हैं, जिसमें 23 कोहोटर््स में 139 कंपनियों ने शिरकत की। 33 नई कंपनियां आईं। नया कॉहोर्ट- मीडिया और विज्ञापन भी इस साल जोड़ा गया।’
-प्लेसमेंट सेल, आईआईएम-ए
पीजीपी-एम विद्यार्थियों को मिला वेतन ऑफर (वार्षिक)
वर्ष अधिकतम न्यूनतम
2018 – 72 लाख -13.69 लाख
2017- 53 लाख – 9 लाख
2016- 48 लाख- 11.50 लाख

पीजीपीएक्स विद्यार्थियों को मिला वेतन ऑफर (वार्षिक)
वर्ष – अधिकतम -न्यूनतम
2018 -54.60 लाख -18 लाख
2017 -43 लाख -15.60 लाख
2016 -43.53 लाख -18 लाख
पीजीपी-एफएबीएम विद्यार्थियों को मिला वेतन ऑफर (वार्षिक)
वर्ष- अधिकतम -न्यूनतम
2018- 26 लाख- 8.50 लाख
2017- 27 लाख -7.50 लाख
2016- 27 लाख- 6.18 लाख

(स्त्रोत: आईआईएम-ए की आईपीआरएस रिपोर्ट )

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