मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उन्होंने राज्य के जीआईडीसी (GIDC) के औद्योगिक क्षेत्रों तथा अन्य मामलों की समीक्षा की। शहरी क्षेत्रों में छोटे और मझौले उद्योग बड़े पैमाने पर कार्यरत हो सकें इस मकसद से बहुमंजिला बिल्डिंग शेड बनाने की दिशा में भी कार्यरत होने का मार्गदर्शन उन्होंने दिया।
मुख्यमंत्री ने राज्य के औद्योगिक क्षेत्र- जीआईडीसी में सामान्य बुनियादी ढांचा सुविधाएं विकसित करने की गुजरात औद्योगिक विकास निगम की जरूरी व्यवस्थाओं को जल्द से जल्द शुरू करने का निर्देश दिया है। चार से पांच मॉडल जीआईडीसी (model GIDC) बनें
उन्होंने राज्य में ऐसी चार से पांच मॉडल जीआईडीसी विकसित करने की मंशा व्यक्त की। राज्य में जिन स्थानों पर नए औद्योगिक क्षेत्र शुरू करने की मांग आती है, वहां डिमांड सर्वे करने का भी उन्होंने निर्देश दिया। साथ ही वर्तमान में जिन जीआईडीसी में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही किसी न किसी चरण में धीमी पड़ गई है, उसका त्वरित निराकरण करने का भी निर्देश रूपाणी ने दिए। भरुच जिले के दहेज में जीआईडीसी के मार्फत तैयार हो रहे डिसेलिनेशन प्लांट का कार्य समयबद्ध आयोजन के जरिए निर्धारित अवधि से पहले पूरा करने के भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए।
आईटी पार्क के लिए प्लॉट आवंटन में लाएं गति गांधीनगर स्थित गुजरात इंटरनेशनल फाइनांस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में जीआईडीसी की ओर से विकसित किए जा रहे आईटी पार्क के कार्य में प्लॉट आवंटन सहित अन्य कार्यों में गति लाने का भी उन्होंने सुझाव दिया। राज्य में बड़े पैमाने पर आ रहे नए उद्योगों की सुविधा और बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए जीआईडीसी अधिक सुसज्जित बने और उद्योगपतियों एवं निवेशकों को एक ही जगह सारी सुविधाएं मुहैया हों इस उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने बैठक में विस्तृत चर्चा व परामर्श कर मार्गदर्शन दिया।
बैठक में जीआईडीसी के अध्यक्ष बलवंतसिंह राजपूत, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन, मुख्यमंत्री सह उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एम.के. दास तथा जीआईडीसी के प्रबंध निदेशक एम. थेन्नारसन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।