ऐसा पहली बार है जब भाजपा को गुजरात की राजधानी गांधीनगर (मनपा) में पूर्ण बहुमत मिला है। जीत हासिल हुई है। इससे पहले के दो चुनाव में भाजपा को बहुमत नहीं मिल सका था हालांकि पार्टी दोनों बार अपनी सत्ता बनाने में कामयाब रही थी। इससे पहले 2016 के चुनाव में भाजपा व कांग्रेस को 16-16 (कुल 32 सीट) सीटें मिली थीं।
लिटमस टेस्ट में सीएम भूपेन्द्र पटेल पास
चुनाव से महज 2 सप्ताह पहले अचानक मुख्यमंत्री बने भूपेंद्र पटेल के लिए भी लिटमस टेस्ट समान था। इस जीत से वे इस टेस्ट में पास कर गए दिखते हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने अपना पद संभालने के बाद पार्टी के लिए लगातार जीत हासिल की है।
शहरों-नगरों में लोकप्रियता बरकरार उधर राज्य में नगर पालिका तहसील पंचायत और जिला पंचायतों के लिए हुए चुनाव, उपचुनावों में भी भाजपा को जीत मिली है। इन चुनाव परिणामों से यह पता चलता है कि भाजपा ने गुजरात के शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी अपनी लोकप्रियता बरकरार रखी है।
क्यों रह गई 3 सीट? जीत के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल प्रदेश अध्यक्ष पाटिल के निवास स्थान पहुंचे जहां पर उन्होंने एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया। इसके बाद दोनों नेता पार्टी कार्यालय कमलम पहुंचे जहां पर कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते ही बनता था। संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री पटेल ने मजाकिया लहजे में पाटिल ने उनसे पूछा कि शेष तीन सीटें क्यों रह गईं?
ऐतिहासिक जीत : पाटिल इस अवसर पर पाटिल ने गांधीनगर के चुनाव परिणाम को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने यह भी कहा कि यह चुनाव परिणाम दर्शाता है कि गुजरात में तीसरे पार्टी का कोई अस्तित्व नहीं है। उनका इशारा आम आदमी पार्टी की तरफ था। आम आदमी पार्टी पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि जो खूब गरजे थे वे बरसे नहीं।
भाजपा के लिए इसलिए भी अहम है यह जीत भूपेंद्र पटेल के लिए बतौर गुजरात के सीएम यह पहला चुनाव था। ऐसे में इसके नतीजे पटेल और भाजपा के लिए किसी लिटमस टेस्ट से कम नहीं थे। साथ ही यह इलाका केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। इसलिए यहां की जीत भाजपा के लिए मायने रखती है।
56 फीसदी हुई थी वोटिंग इससे पहले रविवार को गांधीनगर महानगर पालिका के लिए 56.24 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस बार यहां का मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा था, लेकिन भाजपा ने 41 सीटें जीतकर यह साफ कर दिया है कि यहां पर तीसरी पार्टी के लिए फिलहाल जगह नहीं है। भाजपा और कांग्रेस ने सभी 44 सीटों और आम आदमी पार्टी (आप) ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
भाजपा ने मनाया जश्न गांधीनगर चुनाव परिणाम में भाजपा ने शुरू से ही बढ़त बनाए रखी। दोपहर होते-होते समर्थकों का जश्न मनाना भी शुरू कर दिया। गांधीनगर में एक-दूसरे पर रंग डालकर और नारों के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया।
अप्रेल में होने थे चुनाव गांधीनगर के लिए ये चुनाव पहले अप्रैल महीने में चुनाव होने थे लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था। तीसरी बार में पाया बहुमत
गांधीनगर में महानगर पालिका के लिए पहली बार 2011 में चुनाव हुए थे। तब कांग्रेस की जीत हुई थी लेकिन कांग्रेस के 3 पार्षद भाजपा में शामिल हो गए थे और इस तरह भाजपा सत्ता पर काबिज हो गई थी। वार्डों की संख्या 2016 में आठ से बढक़र 11 हो गई। पिछले चुनाव में कांग्रेस और भाजपा को यहां 16-16 सीटें मिली थीं। तब भी कांग्रेस का पार्षद भाजपा में शामिल हो गया जिस कारण भाजपा को सत्ता हासिल हुई। इस तरह भाजपा को तीसरे चुनाव में प्रचंड बहुमत मिला।
अब आठों महानगरपालिका में भाजपा का शासन इस जीत के साथ अब राज्य की सभी 8 महानगरपालिकाओं-अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट, जामनगर, भावनगर, जूनागढ़ व गांधीनगर- में भाजपा का शासन हो गया है।
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गांधीनगर महानगरपालिका
कुल सीटें: 44 भाजपा: 41
कांग्रेस: 02
आप: 01
————— मनपा सहित स्थानीय निकाय चुनाव परिणाम कुल सीटें: 232
भाजपा: 175
कांग्रेस: 45
अन्य: 09