केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत सरकार आगामी समय में ‘पीएम श्री स्कूलों’ की स्थापना करेगी जो छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करेगी। ये अत्याधुनिक स्कूल नई शिक्षा नीति-2020 की एक आधुनिक प्रयोगशाला होंगे।
प्रधान ने यह घोषणा गुरुवार को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित देश के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में की। सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘पीएम श्री स्कूल’ के रूप में भावी बैंचमार्क मॉडल बनाने के लिए सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों सहित पूरे शिक्षा इकोसिस्टम से सुझाव और प्रतिक्रिया मांगी हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप इस सम्मेलन में परिणाम आधारित चर्चा में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के अनुभव और ज्ञान को साझा करने से शिक्षा के परिदृश्य में परिवर्तन की दिशा में एक कदम आगे ले जाएगा। यह देश में शिक्षा प्रणाली को और भी मजबूत बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा ज्ञान आधारित समाज की नींव है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहन देना और शिक्षा को हरेक के लिए सुलभ बनाना है। उन्होंने 21वीं शताब्दी के अवसरों और चुनौतियों के लिए की जा रही तैयारियों का जिक्र करते हुए अनुरोध किया कि हमें शिक्षा और कौशल के इकोसिस्टम को और अधिक मजबूत बनाने के लिए तकनीक का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने प्री-स्कूल से माध्यमिक स्तर तक नई शिक्षा नीति की नई व्यवस्था, प्रारंभिक बाल्यावस्था और देखभाल शिक्षा पर जोर, शिक्षक प्रशिक्षण, वयस्क शिक्षा, स्कूली शिक्षा के साथ कौशल विकास का एकीकरण सहित राज्यों से अपनी मातृभाषा में शिक्षा को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।
प्रधान ने यह घोषणा गुरुवार को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित देश के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में की। सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘पीएम श्री स्कूल’ के रूप में भावी बैंचमार्क मॉडल बनाने के लिए सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों सहित पूरे शिक्षा इकोसिस्टम से सुझाव और प्रतिक्रिया मांगी हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप इस सम्मेलन में परिणाम आधारित चर्चा में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के अनुभव और ज्ञान को साझा करने से शिक्षा के परिदृश्य में परिवर्तन की दिशा में एक कदम आगे ले जाएगा। यह देश में शिक्षा प्रणाली को और भी मजबूत बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा ज्ञान आधारित समाज की नींव है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहन देना और शिक्षा को हरेक के लिए सुलभ बनाना है। उन्होंने 21वीं शताब्दी के अवसरों और चुनौतियों के लिए की जा रही तैयारियों का जिक्र करते हुए अनुरोध किया कि हमें शिक्षा और कौशल के इकोसिस्टम को और अधिक मजबूत बनाने के लिए तकनीक का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने प्री-स्कूल से माध्यमिक स्तर तक नई शिक्षा नीति की नई व्यवस्था, प्रारंभिक बाल्यावस्था और देखभाल शिक्षा पर जोर, शिक्षक प्रशिक्षण, वयस्क शिक्षा, स्कूली शिक्षा के साथ कौशल विकास का एकीकरण सहित राज्यों से अपनी मातृभाषा में शिक्षा को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।
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