जूनागढ़/अहमदाबाद. गिर जंगल इलाके में एशियाई शेरों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। गुरुवार को अमरेली जिले के तुलसी श्याम रेंज के आंबलीयाला इलाके में एक शेरनी का शव मिला।
सूत्रों के अनुसार यह शेरनी 9 से 12 वर्ष की बताई जाती है। मौत का प्राथमिक कारण प्राकृतिक बताया जाता है, हालांकि सटीक कारणों का पता पोस्टमार्टम के बाद ही चल सकेगा।
इस महीने अब तक छह शेरों की मौत हो चुकी है। इस तरह पिछले तीन महीने में अब तक 33 एशियाई शेरों की मौत हो चुकी है।
इससे पहले इसी माह एक शेर और दो शावकों का शव अलग-अलग इलाकों से मिला था वहीं एक बीमार शावक की मौत उपचार के दौरान हो गई थी।
इससे पहले गत अक्टूबर महीने में जूनागढ़ जिले के विसावदर इलाके में एक शेर का शव मिला था वहीं गत 22 अक्टूबर को अमरेली जिले के खडादरा गांव से तीन शावकों के शव मिले थे।
गत 12 सितम्बर से 2 अक्टूबर के दौरान गिर जंगल के अमरेली जिले के दलखाणिया रेंज में 23 शेरों की मौत हो गई थी। अधिकांश शेरों की मौत केनाइन डिस्टेम्पर वाइरस (सीडीवी) के कारण मौत हुई थी।
सूत्रों के अनुसार यह शेरनी 9 से 12 वर्ष की बताई जाती है। मौत का प्राथमिक कारण प्राकृतिक बताया जाता है, हालांकि सटीक कारणों का पता पोस्टमार्टम के बाद ही चल सकेगा।
इस महीने अब तक छह शेरों की मौत हो चुकी है। इस तरह पिछले तीन महीने में अब तक 33 एशियाई शेरों की मौत हो चुकी है।
इससे पहले इसी माह एक शेर और दो शावकों का शव अलग-अलग इलाकों से मिला था वहीं एक बीमार शावक की मौत उपचार के दौरान हो गई थी।
इससे पहले गत अक्टूबर महीने में जूनागढ़ जिले के विसावदर इलाके में एक शेर का शव मिला था वहीं गत 22 अक्टूबर को अमरेली जिले के खडादरा गांव से तीन शावकों के शव मिले थे।
गत 12 सितम्बर से 2 अक्टूबर के दौरान गिर जंगल के अमरेली जिले के दलखाणिया रेंज में 23 शेरों की मौत हो गई थी। अधिकांश शेरों की मौत केनाइन डिस्टेम्पर वाइरस (सीडीवी) के कारण मौत हुई थी।
गुजरात में अंतिम बार वर्ष 2015 में शेरों की गणना की गई थी जिसमें इसके तहत 523 शेर थे। वर्ष 2010 में 411 वहीं वर्ष 2005 की गणना में 359 शेर पाए गए थे।
उच्च न्यायालय ने गत अप्रेल महीने में विधानसभा में राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में दो वर्षों में 182 एशियाई शेरों की मौतों को लेकर प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के आधार पर संज्ञान (सुओमोटो) लेते हुए याचिका दायर की थी। गिर अभ्यारण्य के पूर्वी इलाके के दलखाणिया रेंज में गत 12 से 19 सितम्बर तक 11 तथा गत 20 से 30 सितम्बर के दौरान 11 शेरों की मौत हुई। कई शेरों की मौत सीडीवी वाइरस से वहीं कुछ शेरों की मौत लीवर संबंधी व फेफड़े संबंधी बीमारियों से तथा कुछ की मौत आपसी लड़ाई (इनफाइटिंग) के दौरान घायल होने से हुई बताई जाती है।