गुजरात में अंतिम बार वर्ष 2015 में शेरों की गणना की गई थी जिसमें इसके तहत 523 शेर थे। वर्ष 2010 में 411 वहीं वर्ष 2005 की गणना में 359 शेर पाए गए थे।
उच्च न्यायालय ने गत अप्रेल महीने में विधानसभा में राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में दो वर्षों में 182 एशियाई शेरों की मौतों को लेकर प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के आधार पर संज्ञान (सुओमोटो) लेते हुए याचिका दायर की थी। गिर अभ्यारण्य के पूर्वी इलाके के दलखाणिया रेंज में गत 12 से 19 सितम्बर तक 11 तथा गत 20 से 30 सितम्बर के दौरान 11 शेरों की मौत हुई। कई शेरों की मौत सीडीवी वाइरस से वहीं कुछ शेरों की मौत लीवर संबंधी व फेफड़े संबंधी बीमारियों से तथा कुछ की मौत आपसी लड़ाई (इनफाइटिंग) के दौरान घायल होने से हुई बताई जाती है।