क्राइम ब्रांच के उपायुक्त अजीत राज्यान ने बताया कि कागडापीठ थाना क्षेत्र में 17 नवंबर की रात को हुई अल्पेश ठाकोर की हत्या के मामले में वांछित मुख्य आरोपी विराज उर्फ बिल्लो चुनारा (23) और विशाल उर्फ संजय चुनारा (26) को क्राइम ब्रांच की टीम ने पकड़ लिया है। इन दोनों को हिरासत में लेने के बाद आगे की जांच के लिए कागडापीठ पुलिस को सौंप दिया गया है।
रायपुर दरवाजा के बाहर कंटोडियावास में रहने वाले इन दोनों ही व्यक्तियों का एफआईआर में ही नाम दर्ज है। कवन ठाकोर (35) की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में बताया गया कि घोडासर निवासी जिग्नेश शर्मा, रायपुर दरवाजा के बाहर कंटोडियावास में रहने वाले विशाल चुनारा और विराज चुनारा तथा विक्की चुनारा ने मिलकर तलवार, पाइप से अल्पेश और उसके भाई महेश ठाकोर पर वार कर दिया, जिसमें अल्पेश की मौत हो गई। महेश जख्मी है।
क्राइम ब्रांच की टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर सोमवार रात को कागडापीठ इलाके में कॉम्बिंग की थी। ज्ञात हो कि अल्पेश ठाकोर ने जिग्नेश शर्मा से जान को खतरा होने की बात कहते हुए कागडापीठ थाने में कुछ दिन पहले शिकायत दी थी। इस मामले में कोई उचित कदम नहीं उठाए गए। इस मामले में बरती गई लापरवाही के चलते थाने के पीआई एस ए पटेल को पुलिस आयुक्त जीएस मलिक ने निलंबित कर दिया है।
16 नवंबर को भी किया था हमला
एफआईआर के तहत अल्पेश ठाकोर की ओर से आरोपी जिग्नेश शर्मा के खिलाफ 16 नवंबर को कागडापीठ में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। 16 नवंबर को जयेन्द्र पंडित नगर में अल्पेश अपनी बहन को छोड़ने गया था। वहां स्कूटर पर बैठकर बाइक कर रहा था। आरोप है कि उसी समय जिग्नेश शर्मा आया और तूने मुझे बोगस क्यों कहा कहते हुए झगड़ा करने लगा। फिर उसके दो अन्य साथियों के साथ मिलकर अल्पेश पर हमला कर दिया। इस घटना में अल्पेश के सिर में चोट भी आई थी। जिससे अल्पेश ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इस एफआईआर की रंजिश में जिग्नेश शर्मा ने उसके अन्य साथियों के साथ मिलकर अल्पेश पर 17 नवंबर की रात को फिर से हमला किया, जिसमें अल्पेश की मौत हो गई।