मेट्रो प्रोजेक्ट श्रमिकों के टिफिन कॉन्ट्रेक्ट के बहाने 13 लाख की ठगी
कैटर्स व्यवसायी ने पाली निवासी युवक विरुद्ध दर्ज कराया मामला
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मेट्रो प्रोजेक्ट श्रमिकों के टिफिन कॉन्ट्रेक्ट के बहाने 13 लाख की ठगी
अहमदाबाद. शहर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में काम करने वाले श्रमिकों के लिए टिफिन सेवा उपलब्ध कराने के ठेके के बहाने १३ लाखकी चपत लगाने का मामला सामने आया है। पीडि़त नरोडा कैटर्स व्यवसायी ने राजस्थान के पाली निवासी एवं खुद को लेबर ठेकेदार बताने वाले युवक के विरुद्ध शहरकोटडा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
नरोडा अशोक मिल के पास सी कोलोनी निवासी कालूसिंह बल्ला ने राजस्थान के पाली जिले के पुराना बस स्टैंड हरिजनवास निवासी कालूराम चनाल के विरुद्ध ठगी का मामला दर्ज कराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कालूराम ने खुद को महाराजा लेबर कोन्ट्रक्टर नाम की फर्म से श्रमिक ठेकेदारी करने के रूप में परिचय दिया। कालूसिंह ढाई दशक से अपने घर से ही हरिओम कैटर्स के नाम से कैटरिंग का व्यवसाय करते हैं। उनके मित्र पारस के जीजा के जरिए उनकी पहचान पांच महीने पूर्व ही कालूराम से हुई थी।
कालूराम अक्सर उनसे मिलने अहमदाबाद आता था। २८ अप्रेल को कालूराम ने कालूसिंह के पास आकर कहा कि अहमदाबाद में चल रहे मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के मजदूरों के लिए उसने टिफिन सप्लाई करने का टेंडर (निविदा) भरा था। वह टेंडर उसे मिल गया है। टेंडर में रोज पांच सौ से १००० मजदूरों के टिफिन सप्लाई करने हैं, जिससे मैं यह काम कालूसिंह से कहा कि तुम्हे देना चाहता हूं। उसने कालूसिंह को विश्वास में लेने के लिए कालूराम के नाम के और उसकी कंपनी महाराजा कोन्ट्रेक्टर के नाम का गुमास्ता धारा लाइसेंस, ईएसआई और पीएफ का रजिस्टर व कागजात दिखाए। फिर कहा कि फिलहाल ६६० टिफिन का ठेका मिला है।
उसमें प्रतिदिन ६० रुपए मिलेंगे। इसके लिए कालूराम ने कालूसिंह से ठेका लेने के लिए पांच लाख ४० हजार रुपए पहले उनके महाराजा कोन्ट्रक्टर फर्म के नाम पर जमा कराने को कहा, जिस पर कालूसिंह ने चेक और नकदी के जरिए रुपए दे दिए। इसका एक नोटरी से एग्रीमेट भी किया। उसके बाद फिर कहा कि उसे ३६० और टिफिन सप्लाई करने का ठेका मिला है। यह भी तुम्हें देना है। ऐसा कहकर कालूराम ने कालूसिंह के पास से दो लाख ७० हजार रुपए और ले लिए।
यह राशि भी चुकाने के बाद कालूराम नेकहा कि ठेका पूरी तरह से चालू करवाने और पास कराने के लिए पांच लाख रुपए की जरूरत है। उसका इंतजाम करके दे दे तो १० दिन में टिफिन को सप्लाई करने का काम शुरू हो जाएगा और वह ये पांच लाख जल्द वापस लौटा देगा। कालूसिंह ने पांच लाख रुपए और भी दे दिए। ऐसा करके कुल १३ लाख रुपए कालूराम ने कालूसिंह के पास से ले लिए, लेकिन दस दिनों के बाद भी टिफिन सेवा शुरू नहीं हुई। इस पर रुपए वापस मांगे, लेकिन कालूराम ने रुपए वापस नहीं लौटाए।
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