घटना सोमवार शाम की है। थाना ताजगंज के अंतर्गत शमसाबाद रोड पर चमरौली मोड़ है। यहीं पर पावनधाम के अंतर्गत बाबा नईम शाह की दरगाह है। दरगाह के बराबर में मैदान है। इसी मैदान में शाखा लगाने को लेकर विवाद है। पहले कुछ बच्चे आते थे। खेलकर चले जाते थे। सोमवार को करीब 20 स्वयंसेवक गणवेश में पहुंचे। सबके हाथ में लाठियां थीं। वहीं पर भगवा ध्वज फहराया और शाखा लगाने लगे। मौके पर बिल्कित ने टोका। कहा कि यहां भगवा झंडा क्यों लगा रखा है। इस पर स्वयंसेवकों ने कहा कि यहीं पर शाखा लगेगी और योगा भी होगा। बिल्कित का आरोप है कि उसे धमकाया औऱ कहा कि कोई रोक नहीं सकता है।
बिल्कित यह बात सुनकर एकता पुलिस चौकी पर पहुंची। चौकी प्रभारी राजुकमार सिंह को सारी बात बताई। वे मौके पर पहुंचे। पुलिस की जीप देखकर अधिकांश स्वयंसेवक भाग गए, लेकिन पुलिस ने चार को पकड़ लिया। उन्हें ताजगंज थाने ले गए। चौकी प्रभारी राजकुमार सिंह का कहना है कि थाने में बातचीत चल रही है।
बिल्कित का कहना है कि दरगाह परिसर के बाहर नमाज होती थी, वह पहले ही बंद करा दी है। मेला लगता था, वह बंद करा दिया। दरगाह परिसर की चारदीवार को तोड़कर रास्ता बना लिया है। वहीं से आकर शाखा लगाते हैं। मुसलमानों के हर काम में आपत्ति हो रही है। आरएसएस वालों ने गुड्ड़ू के घर में लाठियां एकत्रित कर रखी हैं।
दरगाह के मुतवल्ली सिताब अली खां का कहना है कि भाभी बिल्कित ने मुझे फोन पर जानकारी दी, तब मैं यहां आया। यहां शाखा लगाकर हमें तंग किया जा रहा है। सिताब अली ने बताया कि 22 अगस्त, 2017 को दरगाह परिसर में गाय बांधी थी। हम चमरौली गांव में रहते हैं। दरगाह परिसर में दो परिवार रहते हैं। हमने गाय बांधने की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने गाय को खुलवा दिया। लोगों ने फिर से गाय बांध दी। उसी दिन से पुलिस की ड्यूटी यहां लगी हुई है। नौ माह से ढोंग चल रहा है। पुलिस कार्रवाई तो करती है, लेकिन ठीक से नहीं। जनसूचना अधिकार में झूठी जानकारी दी है कि गाय को खुलवा दिया है, जबकि हकीकत यह है कि अभी भी गाय बंधी हुई है। सबको बता चुके हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। इस बारे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संपर्क प्रमुख मनमोहन निरंकारी ने कहा कि अभी पता करके बताते हैं।