आगरा। Radhasoami मत के अधिष्ठाता और आचार्य दादाजी महाराज (Prof Agam Kumar Mathur) ने संसार से दुखी लोगों को सुख की राह बताई है। उनका कहना है- जो संसार से दुखी है, वह गुरु की शरण ले। वे राधास्वामी मत के आदि केन्द्र Hazuri Bhawan (पीपल मंडी) में पत्रिका से बातचीत कर रहे थे।
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कुगुरु के सवाल पर क्या कहा
Dadaji Maharaj से पूछा- संसार में कुगुरु अधिक हो गए हैं? उन्होंने जवाब में कहा- उनसे कोई मतलब नहीं है। इस दुनिया में जो कुछ है, सब पाखंड है। कौन सही है? कौन सच्चे रास्ते पर चलता है? यह काल की नगरी है। हालात सही नहीं है। इसी से बचने के लिए और जो संसार से दुखी है वह गुरु चरण शरण ले। उनका साया ले। उनकी रक्षा में रहे। उनको माने। वे खुश हो जाएं तो जो चाहें बख्शीश दे सकते हैं।
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Guru की कोई तुलना नहीं
क्या संसार में कोई भी व्यक्ति गुरु बन सकता है, सवाल पर Dadaji Maharaj ने कहा कि यह सवाल अच्छा नहीं है। हम गुरु को मालिक के रूप में देखते हैं। उसकी कोई तुलना नहीं हो सकती है। गुरु की कर हरदम पूजा, गुरु समान कोई देव न दूजा। गुरु रूप धरा Radhasoami।
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गुरु गद्दियों पर दुकान चला रहे गुरुओं के बारे में पूछे जाने पर Radhasoami मत के अधिष्ठाता दादाजी महाराज ने कहा कि उनका काम जानें। सो सच्चे खोजी हैं, उनके लिए हैं गुरु। संसारी लोग तो अपने कर्मों का फल भोगेंगे। अभी कुछ कर लें, अंत समय पर अपनी करनी का जवाब देना होगा। कुछ लोग भोग भी रहे हैं।