बता दें कि आंबेडकर विवि में प्रो. राजेश धाकरे की गिनती सख्त मिजाज के प्रोफेसरों में की जाती है। वह नियमों के हिसाब से काम करते हैं। इसके लिए उनकी कई कुलपतियों से झड़प भी हो चुकी है। हालत यह है कि कोई भी निजी कॉलेज वाला मान्यता वाले पैनल में प्रोफेसर धाकरे का नाम नहीं चाहता है। प्रो. राजेश धाकरे के कुलपति बनने पर विवि के शिक्षकों में खुशी की लहर है। वे आरबीएस कॉलेज में भी सेवाएं दे चुके हैं।
आगरा से अब तक पांच चेहरे ही प्रो.राजेश धाकरे से पहले कुलपति बने हैं। पहले नंबर पर डॉ. बीपी जौहरी आगरा विवि के कुलपति बने, इसके बाद आगरा कॉलेज के प्रो. अगम प्रसाद माथुर दो बार आगरा विवि के कार्यवाहक कुलपति रहे। इसके बाद आगरा कॉलेज की प्रो. प्रतिमा अस्थाना गोरखपुर विवि, प्रो. जीसी सक्सेना फैजाबाद और आगरा विवि, प्रो. सुंदर लाल जौनपुर विवि के कुलपति बने। कुलपति बनने वालों में अब प्रो. धाकरे का नाम और जुड़ गया है।
प्रो. राजेश धाकरे के कुलपति बनने पर फुपुक्टा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान, औटा अध्यक्ष डॉ. मुकेश भारद्वाज, औटा महामंत्री डॉ. निशांत चौहान, प्रो. लवकुश मिश्रा, विवि के विधिक सलाहकार डॉ. अरुण दीक्षित, प्रो. संजीव शर्मा, प्रो. अजय तनेजा, प्रो. वीपी सिंह, प्रो. शरद उपाध्याय, प्रो. संजय चौधरी, डॉ. मनोज रावत, डॉ. अमित अग्रवाल, डॉ. ममता सिंह, डॉ. आनंद टाइटलर, प्रो. वीके सारस्वत, डॉ. टीआर चौहान, प्रो. सुगम आनंद, प्रो. ब्रजेश रावत, प्रो. मनुप्रताप सिंह, प्रो. संतोष बिहारी शर्मा, प्रो. अनिल वर्मा, डॉ. अनिल गुप्ता, डॉ. बीडी शुक्ला, डॉ. सुनील उपाध्याय, मधु आनंद, प्रियंका अग्रवाल, दीक्षालय के डॉ. अंबरीश अग्रवाल, पूर्व उप कुलसचिव सिंधीराम, अखिलेश चौधरी, छात्र नेता प्रभाकर जादौन, राहुल पाराशर, पंकज पाठक ने बधाई दी है।