मुंबई में दस से पंद्रह सितम्बर के बीच आयोजित मिसेज इंडिया-2019 प्रतियोगिता में ऋतु सुहास ने उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान उन्होंने मुगल-ए-आजम की अनारकली ड्रेस पहनी थी जिसने निर्णायकों को काफी प्रभावित किया। ऋतु को ड्रेस उनकी आगरा की ही एक मित्र ने दी थी। प्रतियोगिता में 20 राज्यों के 59 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। कुल छह राउंड हुए थे, जिसमें कॉस्ट्यूम व सवाल-जवाब सेशन में ऋतु सबसे आगे रहीं और प्रतियोगिता की विजेता बनीं।
मिसेज इंडिया-2019 प्रतियोगिता के लिए वे पिछले 9 महीने से तैयारी कर रही थीं। जनवरी में उन्होंने लखनऊ में इसका स्टेट लेवेल जीता था, इसके बाद से ही तैयारियों में जुट गई थीं। इस दौरान उन्होंने डांस और रैंपवॉक आदि का काफी अभ्यास किया।
ऋतु के मुताबिक उनके पिता आरसी शर्मा हाईकोर्ट में वकील हैं। अपनी बचपन के समय में उन्होंने काफी समय तक आर्थिक तंगी का सामना किया। वर्ष 2003 में जब उन्होंने पीसीएस की तैयारी का निर्णय किया, तब भी उनके परिवार के पास पीसीएस कोचिंग की फीस जमा करने के लिए पैसे नहीं थे। लिहाजा उन्होंने सेल्फ स्टडी का फैसला किया। छोटे—छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया और वर्ष 2004 में एक साथ पीसीएस और पीसीएस जे दोनों परीक्षाओं में कामयाबी पाई। लेकिन दोनों में से उन्होंने पीसीएस को चुना और पहली पोस्टिंग मथुरा में एसडीम के तौर पर मिली।
करीब तीन साल पहले ‘बूथ दोस्त’ नामक एप बनाकर ऋतु चर्चा में आयी थीं। इस एप को चुनाव आयोग ने भी काफी सराहा था। यूपी निकाय चुनाव में आजमगढ़ जिले में प्रयोग के तौर पर इसे लागू किया गया था। इस एप के जरिए आजमगढ़ सदर और तहसील के लोगों ने करीब 30 हजार नए दिव्यांग वोटरों को ट्रेस कर, उनसे फार्म भरवाया, इसके बाद उनसे वोटिंग कराई गई थी। इस एप के लिए विश्व दिव्यांग दिवस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऋतु सुहास को सम्मानित किया था।