इस पत्र के माध्यम से प्रधानाचार्यो से यह भी कहा गया है कि वे ऐसे छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को स्कूल बुलाकर बताएं कि उनका बच्चा अपनी और दूसरों की जिंदगी जोखिम में डाल रहा है। अगर उससे भी सुधार नहीं आता है तो जल्द ही ऐसे छात्र-छात्राओं पर पुलिस कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी।साथ ही बताया गया है कि स्कूलों की ओर से 12 वीं कक्षा तक के बगैर ड्राइविंग लाइसेंस के स्कूटी और बाइक लेकर आने वाले छात्र-छात्राओं पर सख्ती की जाए, उनके वाहनों को स्कूल में प्रवेश न दिया जाए।
इस प्लान के तहत पुलिस स्कूलों की पार्किंग जाकर देखेगी कि कितने नाबागिल वाहन लेकर आ रहे हैं। स्कूलों की छुट्टी और खुलने के समय चेक किया जाएगा। वाहन चलाने वाले नाबालिगों के एमवी एक्ट में चालान किए जाएंगे। एसएसपी अमित पाठक का कहना है कि हम नहीं चाहते कि बच्चों पर कानूनी कार्रवाई की जाए, इसलिए स्कूलों के माध्यम से उन्हें जागरुक किया जा रहा है। इसे नहीं मानते हैं तो पुलिस तो कार्रवाई करेगी ही।