व्यापारी नेताओं ने केन्द्र सरकार के ऊपर भड़ास निकालते हुए कहा कि 2014 में यह सरकार व्यापारी व उद्योगपतियों के नोट, वोट व सपोर्ट के सहारे जीती थी। व्यापारियों की कही जाने वाली भाजपा की सरकार के प्रधानमंत्री ने पहले तो नोट बंद करके आर्थिक परेशानी खड़ी की और फिर जीएसटी लगाकर व्यापारियों को मानसिक तनाव दिया है। देश में अपराधों की बाढ़ सी आ गयी है। वक्ताओं ने यहां तक कहा कि यह जुमले वाली फेंकू, झूठी सरकार को इसका नतीजा आगामी 2019 के चुनावों में निश्चित रूप से भुगतना पड़ेगा। देश का व्यापारी व उद्योगपति अब कटिबद्ध है कि भाजपा को पुरानी जगह पर ही बैठाकर रहेंगे। ऐतिहासिक नारों से जंतर-मंतर गूंज उठा।
प्रदर्शन में आगरा मण्डल व्यापार संगठन के संस्थापक गोविन्द अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि जब यह सरकार विपक्ष में थी तब इसने जीएसटी का जबरदस्त विरोध किया था तथा सदन की कार्रवाई को बाधित किया, सदन नहीं चलने दिया था। उस समय इसी सरकार ने विदेशी निवेशकों का भी विरोध किया और सदन में ऐतिहासिक शर्मसार करने वाले कृत्य किये। धरना स्थल पर आगरा मण्डल व्यापार संगठन के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह सोबती ने भी सभा को सम्बोधित किया तथा इस आन्दोलन में हर प्रकार का सहयोग देने की वायदा किया।
इस विशाल धरना प्रदर्शन में लगभग 26 प्रदेशों के व्यापारिक संगठनों ने हिस्सा लिया। जिसमें आगरा से गेाविन्द अग्रवाल, भूपेन्द्र सिंह सोबती, चरनजीत सिंह बंटी, त्रिलोक चन्द शर्मा, हरेश कुमार, पंकज अग्रवाल, नगेन्द्र अग्रवाल, रूपल गोयल, सुशील गुप्ता, महेन्द्र कुमार जैन, बबलू अग्रवाल, रिंकू अग्रवाल, प्रदीप लूथरा आदि काफी संख्या में व्यापारियों ने भाग लिया।