दान में शीश मांगने पर बर्बरीक समझ गए कि ये साधारण ब्राह्मण नहीं बल्कि कोई और है। उन्होंने ब्राह्मण से असली रूप में आने के लिए कहा। तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें दर्शन दिए। इसके बाद राजा बर्बरीक ने खुशी खुशी अपना शीश दान कर दिया। राजा बर्बरीक के महान बलिदान से भगवान कृष्ण काफ़ी प्रसन्न हुए और उन्हें वरदान दिया कि जैसे-जैसे कलियुग का अवतरण होगा, तुम श्याम के नाम से पूजे जाओगे। तुम्हारे भक्तों का केवल तुम्हारे नाम का सच्चे दिल से उच्चारण मात्र से ही उद्धार होगा। यदि वे तुम्हारी सच्चे मन और प्रेम-भाव से पूजा करेंगे तो उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होगी और सभी कार्य सफ़ल होंगे।
आगरा में खाटू श्याम महाराज का विशाल मंदिर 21 फरवरी से आम लोगों के लिए खुल गया है। करीब छह वर्ष में तैयार इस मंदिर को 300 कारीगरों ने मिलकर बनाया है। 1200 गज में बने तीन फ्लोर के इस मंदिर की नक्काशी राजस्थानी शैली में की गई है। इसे वृंदावन के प्रेम मंदिर के शिल्पकारों ने तैयार किया है।