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यूपी में होमगार्ड को मिलेगा छह महीने का एडवांस भत्ता, इस दिन से लागू होगी नई व्यवस्था कोर्ट के फैसले को लेकर कसा तंज कमाल आर. खान ने ट्विटर पर लिखा कि’ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ताजमहल में कमरे खोलने की मांग कर रहे लोगों को चुप रहने की सलाह दी है। न्यायाधीश साहब ने उनसे इस तरह की जनहित याचिका दायर करने से पहले शिक्षित होने के लिए कहा। कोर्ट ने कहा कि हर गंवार, लुक्खा को कोर्ट से सवाल करने की इजाजत नहीं है।’ इस पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
ट्विटर यूजर ने केआरके का उड़ाया मजाक कमाल आर. खान के इस ट्विट के बाद ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा कि ‘तुम लोग परेशान हो कि अगर कहीं खुल गया तो सच्चाई सामने आ जाएगी।’ दूसरे यूजर ने लिखा कि ‘उन कमरों के अंदर ऐसा क्या है, जिसे हमेशा गुप्त रखा जाना चाहिए और जनता से छिपाया जाना चाहिए।’ वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि ‘मतलब, बिना पढ़ा लिखा या कम पढ़ा लिखा, इंसान अदालतों से इंसाफ की उम्मीद ना करें। कोर्ट सिर्फ, पढ़े लिखे लोगो के लिए है।’
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UP: योगी सरकार का शिक्षकों की भर्ती को लेकर बड़ा कदम, जल्द ही मिलेगा रोजगार, जानें पूरा प्लान कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दी थी पीएचडी की सलाह गौरतलब है कि अयोध्या के भाजपा मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह ने एक याचिका दाखिल कर दावा किया था कि ताजमहल के बारे में झूठा इतिहास पढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि वह ताजमहल के बंद 22 कमरों में जाकर शोध करना चाहते हैं और सच्चाई का पता लगाना चाहते है। वहीं खबरों के मुताबिक, कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि पहले किसी संस्थान से इस बारे में एमए पीएचडी कीजिए। तब हमारे पास आइए। अगर कोई संस्थान इसके लिए आपको दाखिला न दे तो हमारे पास आइए।